पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में अतिवृष्टि और बादल फटने की घटनाओं से हर ओर तबाही का मंजर नजर आ रहा है। देहरादून और टिहरी में बादल फटने के बाद भारी तबाही हुई है, कई मकान मलबे के ढेर में बदल गए।
Cloudburst in Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर क्षेत्र में भी बादल फटने की सूचना है। यहां सतरुद्रा नदी के उफान में आने के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। एम्स ऋषिकेश परिसर में जलभराव हो गया है। जिससे यहां कर्मचारियों मरीजों के तीमारदारों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। लोग अपने जूते और चप्पल हाथ में लेकर चलते नजर आए। बैरागढ़ में आधा दर्जन चौपाया व दुपहिया वाहन नदी में बह गए। यहां लगे कैंप में कई पर्यटक ठहरे हुए थे, जिनके वाहनों के बहने की सूचना है। बताया जा रहा है कि चार कारें नदी में बह गईं। कुछ कारें अभी भी मलबे में दबी हैं।
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यमकेश्वर के बिनक गांव में मकान की दीवार गिरने से दर्शनी देवी (70 वर्ष) पत्नी मार्गशीरु की मलबे में दबकर मौत हो गई। यमकेश्वर के अंतर्गत तीन मुख्य सड़क मार्ग रूट में लक्ष्मण झूला, दुगड्डा, धुमाकोट, नीलकंठ मोटर रोड और नालीखाल पोखरी खेत मुख्य सड़क मार्ग अवरुद्ध है। रास्तों को खोलने के लिए गट्टू घाट, पोखाल और गरुड़ चट्टी में जेसीबी तैनात की गई है। ताल घाटी, हेवल घाटी और यमकेश्वर में कुछ जगह वाहनों के बहने और भू कटाव होने की सूचना है। ताल घाटी के दिवोगी ग्राम सभा के कंडरह गांव में एक दुकान और गोशाला बह गई। ये गांव खतरे की जद में हैं। ताल घाटी का सब जगह से सम्पर्क कट गया है। यहां पनयारी गदेरे में अतिवृष्टि से काफी नुकसान होने की सूचना मिल रही है। कई वाहनों के नदी के तेज बहाव में बहने की सूचना है। नीलकंठ के आसपास के गांव मराल, तलाई व खैरखाल आदि में भी भारी नुकसान हुआ है।