उत्तराखंड देहरादून1 phone call saved 60 lives during Dehradun disaster

देहरादून आपदा: जब 1 फोन कॉल ने बचाई 60 लोगों की जान, वरना लग जाते लाशों के ढेर

कालसू के ग्रामीणों ने खतरा भांप लिया था। उन्होंने तुरंत सरखेत के ग्राम प्रधान को नाले का जलस्तर बढ़ने की सूचना दी। जिसके बाद कई परिवार सुरक्षित जगहों पर चले गए।

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Image: 1 phone call saved 60 lives during Dehradun disaster (Source: Social Media)

देहरादून: देहरादून के सरखेत में आई आपदा कई परिवारों को कभी न भूलने वाला दर्द दे गई। यहां कई मकान मलबे के ढेर में तब्दील हो गए, कई लोगों की जान चली गई।

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ये नुकसान और भी बड़ा हो सकता था, लेकिन एक फोन कॉल ने यहां रहने वाले 12 परिवारों के 60 से ज्यादा लोगों की जान बचा ली। दरअसल सरखेत से आधा किलोमीटर ऊपर कालसू में बसे परिवारों ने कोखाला नाले के रौद्र रूप को पहले ही भांप लिया था। जिस पर उन्होंने सरखेत के प्रधान और अन्य लोगों को फोन कर आगाह किया। समय पर सूचना मिलते ही कई परिवार सुरक्षित जगहों पर चले गए, जिससे उनकी जान बच गई। कालसू के ग्रामीण बताते हैं कि 19 अगस्त की रात को करीब 11 बजे तेज बारिश शुरू हुई थी। शुरुआत में सब सामान्य लगा, सिर्फ बांदल नदी में ही पानी ज्यादा दिखाई दे रहा था। रात साढ़े 12 बजे अचानक से उनके घर के पास से गुजर रहे कोखाला नाले से तेज आवाज आने लगी। उन्होंने देखा कि नाले का पानी लगातार बढ़ रहा है। उसमें मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर नजर आने लगे। आगे पढ़िए

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गांव में रहने वाले बसंत रावत और गीता रावत ने खतरा भांप लिया और उसी वक्त सरखेत के प्रधान और अन्य लोगों को फोन कर घर खाली करने की सलाह दी। सरखेत निवासी मनोज पंवार बताते हैं कि फोन आते ही उन्होंने अपने कमरे की खिड़की से बाहर देखा तो वह सहम गए। इसके बाद उन्होंने परिवार के लोगों को जगा कर किसी तरह से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके कुछ ही देर में उनके मकान का निचला हिस्सा, प्राइमरी स्कूल, पंचायत घर, उनकी छानी मलबे में तब्दील हो गए। जिस वक्त सैलाब आया उस वक्त सभी सो रहे थे। अगर फोन नहीं आता तो शायद ही कोई बच पाता। उन्होंने इसके लिए कालसू के करन सिंह रावत, बसंत रावत और मंगल रावत के परिवार का आभार प्रकट किया। उधर कालसू क्षेत्र के लोग आपदा के डर से अब भी सहमे हुए हैं। यहां बिजली-पानी की सुविधा ठप है। ग्रामीणों ने कहा कि सरखेत, मालदेवता, कुमांल्डा में तो जिला प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर बिजली, पानी की व्यवस्था कर रहा है। लेकिन, उनके यहां की कोई सुध नहीं ली जा रही। उन्होंने कोखाला नाले के करीब रह रहे ग्रामीणों को कहीं ओर शिफ्ट करने की मांग की है।