उत्तराखंड ऋषिकेशBangladeshi Women Voter Card Passport in Rishikesh

उत्तराखंड मांगे भू-कानून: सिर्फ 1 साल में बन गई ऋषिकेश की वोटर बन गई बांग्लादेशी महिला

बांग्लादेशी महिला पिछले 15 साल से पहचान छिपाकर रह रही थी, लेकिन किसी को कानोंकान खबर तक न हुई। हैरानी वाली बात ये है कि आरोपी महिला ने यहां रहते हुए भारतीय दस्तावेज भी बनवा लिए थे।

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Image: Bangladeshi Women Voter Card Passport in Rishikesh (Source: Social Media)

ऋषिकेश: उत्तराखंड में अवैध रूप से बसे लोग देश और प्रदेश के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।

Rishikesh Bangladeshi woman arrested

अब ऋषिकेश का ही मामला ले लें, यहां आवास विकास कॉलोनी क्षेत्र में एक बांग्लादेशी महिला पिछले 15 साल से पहचान छिपाकर रह रही थी, लेकिन किसी को कानोंकान खबर तक न हुई। हैरानी वाली बात ये है कि आरोपी महिला ने यहां रहते हुए भारतीय दस्तावेज भी बनवा लिए थे। इनके आधार पर महिला ने यहां घर भी खरीद लिया था और रजिस्ट्री भी करवा ली थी। एक साल में ही आरोपी महिला ऋषिकेश की वोटर बन गई। आरोपी महिला की गिरफ्तारी के बाद ऐसे कई खुलासे हुए हैं, जिन्होंने सबको चौंका दिया है। बांग्लादेशी महिला के सालों से यहां रहने की बात पता चलने के बाद सिस्टम पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। जांच में पता चला है कि यह महिला भारतीय नागरिक नहीं है, ऐसे में मतदाता पहचान पत्र कैसे बना दिया गया, ये बड़ा सवाल है। बांग्लादेशी पासपोर्ट के मुताबिक भारत में रहने का उसका समय समाप्त हो गया था। आगे पढ़िए

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Bangladeshi Women Voter Card Passport in Rishikesh

महिला ने बांग्लादेशी पासपोर्ट होने के बावजूद अपना भारतीय पासपोर्ट भी बनवा लिया था। उसके पास ऋषिकेश का मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड और भारतीय पासपोर्ट है। यह महिला 2007 में ऋषिकेश आ गई थी। निर्वाचन कार्यालय की ओर से मतदाता फोटो पहचान पत्र उसे पहली बार 11 फरवरी 2007 को जारी किया गया था। जिसमें उसका वर्तमान पता 237-238 आवास विकास कॉलोनी तहसील ऋषिकेश जिला देहरादून दर्ज किया गया। बांग्लादेशी महिला 2007 में भारत आई थी और इसी वर्ष इसका मतदाता पहचान पत्र भी बन गया। बता दें कि खुफिया विभाग की जांच के बाद पुलिस ने बुधवार को ऋषिकेश में वर्ष 2007 से रह रही बांग्लादेशी महिला सोनिया चौधरी पत्नी बावला चौधरी को गिरफ्तार कर लिया था। मामले की गहनता से जांच की जा रही है। यह महिला भारतीय नागरिक नहीं है। बावजूद इसके उसका भारतीय पासपोर्ट बन गया, मतदाता पहचान पत्र भी जारी कर दिया गया, इस पर अलग से जांच की जा रही है। उप जिलाधिकारी ऋषिकेश शैलेंद्र सिंह नेगी के मुताबिक इस महिला को ऋषिकेश तहसील से स्थायी निवास प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया था। मामले की जांच की जा रही है।