देहरादून: धामपुर के केंद्रपाल को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बड़े नकल माफिया के रूप में देखा जा रहा है। केंद्रपाल का नाम पहले भी कई बड़ी भर्तियों में आ रखा है।
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जो 10 वर्ष पहले महज एक टेंपो चालक था अब वह करोड़ों का मालिक बन गया है। महज 10 वर्षों में नकल गिरोह से जुड़कर उसने करोड़ों की संपत्ति जुटा ली। धामपुर में उसकी करोड़ों की जमीनें हैं ही, इसी के साथ वह सांकरी में हाकम के रिजॉर्ट में पार्टनर भी है।एसटीएफ उसके बारे में अन्य जानकारियां भी जुटा रही है। एसटीएफ के अनुसार, केंद्रपाल वर्ष 1996 में टेंपो चलाता था। कुछ वर्षों तक उसने रेडिमेड कपड़ों की दुकान भी चलाई। इसके बाद वह कपड़ों की सप्लाई करने लगा। वर्ष 2011 में हाकम सिंह के संपर्क में आया और सीधा प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने वाले गिरोह से जुड़ गया। उसने हाकम सिंह के साथ मिलकर सैकड़ों युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराई और करोड़ों रुपये जमा किए। केंद्रपाल उन लोगों के संपर्क में भी रहता था, जो कि पेपर मुहैया कराते थे। बता दें कि हाल ही में गिरफ्तारी से बचने के लिए केंद्रपाल ने सरेंडर कर दिया था। जमानत पर बाहर आते ही वह शुक्रवार को सरेंडर करने पहुंच गया और एसटीएफ ने उसे बिजनौर जिला जेल के बाहर से ही गिरफ्तार कर लिया। आगे पढ़िए
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वह हाकम सिंह hakam singh rawat और अन्य आरोपियों के संपर्क में था और ऐसा माना जा रहा है कि यूकेएसएसएससी परीक्षा लीक करवाने वाले व्यक्तियों में वह भी शामिल है और साथ ही धामपुर में नकल सेंटर चलाने में उसका अहम हाथ बताया जा रहा है। चलिए आपको बताते हैं कि केंद्रपाल का नाम आखिर इस पूरे मामले में सामने कैसे आया। कुछ दिन पहले जब हाकम से पूछताछ हुई तो केंद्रपाल का नाम सामने आया था। हाकम सिंह के साथ लगातार पूछताछ के बाद एसटीएफ को सीधा सीधा शक केंद्र पाल पर हुआ। पूछताछ में केंद्रपाल जांच के केंद्र में आने लगा था और इस बात की भनक लगते ही केंद्रपाल डर गया और उसने सरेंडर कर लिया। और जैसे ही वह जेल से बाहर आया एसटीएफ ने उसको धर दबोचा और अपनी गिरफ्त में कर लिया। Uksssc paper leak में केंद्रपाल kendrapal की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ इस मामले में और तह तक जाने की कोशिश कर रही है और नकल गिरोहों में जुड़े और भी कई अन्य नामों को उजागर करने का पूरा प्रयास कर रही है।