उत्तराखंड देहरादूनUKSSSC paper leak Syed Sadiq Musa in nepal

सैयद सादिक मूसा: उत्तराखंड में नौकरियों का सबसे बड़ा सौदेबाज, 10 साल से कर रहा है पेपर लीक

UKSSSC paper leak 10 सालों से सरकारी नौकरियों की सौदेबाजी कर रहा नकल माफिया मूसा भागा नेपाल, चाय समोसा खाते रह गए सेवा चयन आयोग के अधिकारी

UKSSSC Paper Leak Syed Sadiq Musa: UKSSSC paper leak Syed Sadiq Musa in nepal
Image: UKSSSC paper leak Syed Sadiq Musa in nepal (Source: Social Media)

देहरादून: UKSSSC paper leak यूकेएसएसएससी पेपर लीक के मामले में एसटीएफ द्वारा कई राज सुलझा लिए गए हैं और अब तक कई बड़े नाम सामने आ चुके हैं।

Syed Sadiq Musa in nepal

इसी बीच खबर आ रही है कि नकल गिरोह से जुड़ा हुआ एक व्यक्ति सैयद सादिक मूसा का नाम मुख्य आरोपित के रूप में सामने आ रहा है। बीते 10 वर्षों में एक्टिव मूसा ने उत्तराखंड में बाकायदा अपनी टीम तैयार कर ली। बता दें कि इस बार उत्तराखंड स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने में उत्तर प्रदेश के नकल माफिया सैयद सादिक मूसा का नाम मुख्य आरोपित के रूप में सामने आ रहा है। एसटीएफ से जुड़े सूत्रों की मानें तो वह वर्ष 2012 से उत्तराखंड में इस गोरखधंधे में सक्रिय है। मूसा उत्तर प्रदेश के धामपुर और लखनऊ में बैठकर अपने गिरोह की मदद से उत्तराखंड में पेपर लीक करवा रहा था। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के अधिकारी कुर्सी में बैठे रहे और उनको इसकी भनक तक नहीं लगी और बीते 10 वर्षों में मूसा ने उत्तराखंड में बाकायदा अपना गैंग टीम तैयार कर लिया।

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak) प्रकरण में पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका केंद्रपाल, मूसा का बेहद करीबी है। दोनों ने राजेश चौहान के साथ मिलकर वर्ष 2012 में उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की सौदेबाजी शुरू की थी। मूसा और केंद्रपाल करोड़ों रुपये में राजेश चौहान से पेपर लीक करने की डील करते थे। पेपर हाथ में आने के बाद वह कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में अभ्यर्थियों तक पेपर पहुंचाते थे। इसके लिए हर अभ्यर्थी से लाखों रुपये लिए जाते थे। बकायदा आरोपितों ने गढ़वाल और कुमाऊं में अलग-अलग टीम तैयार कर रखी थी। मूसा के गिरोह में हाकम सिंह भी शामिल था। जांच-पड़ताल की शुरुआत में एसटीएफ को लगा कि हाकम सिंह इस पूरे नकल गिरोह का मास्टरमाइंड है मगर जैसे-जैसे कड़ियां एक दूसरे से जुड़ती गईं यह साफ हो गया कि यह अकेले हाकम सिंह का किया धरा नहीं है बल्कि उसके ऊपर भी कोई और बैठा हुआ है जो कि बड़े स्तर पर परीक्षाएं लीक करवा रहा है।

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जैसे-जैसे गिरफ्तारियों का आंकड़ा बढ़ा तो मास्टरमाइंड बदलने लगे। धामपुर (उप्र) निवासी केंद्रपाल के गिरफ्त में आने के बाद एसटीएफ को पता चला कि इस गिरोह का संचालन मूसा कर रहा था। एसटीएफ मूसा तक पहुंचती, इससे पहले ही वह नेपाल भाग गया। गिरफ्तारी का यह पूरा खेल तब शुरू हुआ जब यूकेएसएसएससी परीक्षा लीक के मामले का पता लगा। तब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी और एसटीएफ ने 24 जुलाई को मुकदमा दर्ज करने के दो दिन बाद ही छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद से एसटीएफ निरंतर गिरफ्तारियां कर रही है। इस प्रकरण में एसटीएफ अब तक 34 आरोपितों पर गिरफ्तारी का शिकंजा कस चुका है। UKSSSC paper leak में पकड़े गए आरोपितों में शिक्षक, पीआरडी जवान, पुलिस जवान, न्यायिक कर्मचारी, अपर निजी सचिव आदि शामिल हैं।