उत्तराखंड ऋषिकेश6-month girl dies due to non-availability of treatment in Rishikesh

गढ़वाल: बेटी के इलाज के लिए आधे घंटे लाइन में लगे रहे मां-पिता, बारी आई तो हो गई मौत

बीमार बेटी के इलाज के लिए माता पिता आधे घंटे तक लगे रहे लाइन में, 6 माह की निधि ने तोड़ा दम

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Image: 6-month girl dies due to non-availability of treatment in Rishikesh (Source: Social Media)

ऋषिकेश: उत्तराखंड में सरकार यह वादा करती आ रही है कि जनता के हित में पिछले कई सालों में बहुत काम हुआ है।मगर असलियत तो कुछ और ही बयां करती है। जिस तरह का खिलवाड़ स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर लोगों के साथ यहां हो रहा है वो शर्मनाक है और जो यह बताता है कि नेताओं के तमाम वादे झूठे हैं, विकास केवल अखबार की सुर्खियां बटोर रहा है, असल में तस्वीर कुछ अलग है।

girl dies due to non-availability of treatment in Rishikesh

यह खबर ऋषिकेश की है। यहां पर महज 8 माह की मासूम निधि की जान सिस्टम ने लेली। बीमार बेटी के इलाज के लिए उसके माता पिता आधे घंटे तक लाइन में लगे रहे। वहीं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने इस मामले में जांच की बात कही है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। बच्ची के पिता ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस को शिकायत पत्र दिया है। मामला राजकीय चिकित्सालय का है जहां आठ माह की बच्ची की बुधवार की सुबह आपातकालीन कक्ष में मौत हो गई। बच्ची के पिता ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस को शिकायत पत्र दिया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने इस मामले में जांच की बात कही है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। आगे पढ़िए पूरा मामला

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ऋषिकेश चंद्रेश्वर नगर, गली नंबर 19 निवासी राजकुमार ने बताया कि उसकी आठ माह की पुत्री निधि को मंगलवार को उल्टी की शिकायत हुई।उनकी पत्नी सीमा बच्ची को लेकर रात में राजकीय चिकित्सालय की आपातकालीन सेवा में पहुंची। वहां उपस्थित चिकित्सक ने कुछ दवाई पीने को दी और सुबह बाल रोग चिकित्सक को दिखाने की सलाह भी दी। उन्होंने बताया कि वह बुधवार की सुबह सही वक्त पर चिकित्सालय पहुंच गए थे। करीब आधा घंटा लाइन में खड़ा होना पड़ा। बाद में बाल रोग विशेषज्ञ ने बच्ची के परीक्षण के बाद उसे आपातकालीन सेवा में ले जाकर भर्ती कराने को कहा। उसे उपचार देना शुरू कर दिया गया था, लेकिन उसकी मौत हो गई। वहीं मृत बच्ची की मां सीमा और पिता राजकुमार ने आपातकालीन सेवा में बीती रात उपचार के दौरान लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि रात में ही यदि बाल रोग विशेषज्ञ को बुला लिया गया होता तो आज उनकी बच्ची जीवित होती। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवि कुमार सैनी ने बताया कि बच्ची के पिता ने शिकायत पत्र दिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून से नियमानुसार जांच कराई जा रही है। बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. पीके चंदोला ने जानकारी देते हुए बताया कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।