उत्तराखंड देहरादूनThese ministers may be out of Uttarakhand cabinet

उत्तराखंड की सियासत में हलचल, कैबिनेट से OUT हो सकते हैं ये मंत्री..बड़े ऐलान की सुगबुगाहट

मंत्रिमंडल से दो-तीन मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है, इनकी जगह मंत्री पद की आस लगाए बैठे पार्टी के वरिष्ठ विधायकों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है।

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Image: These ministers may be out of Uttarakhand cabinet (Source: Social Media)

देहरादून: नवरात्र के बाद धामी सरकार में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। चर्चा है कि नवरात्र के बाद धामी मंत्रिमंडल का विस्तार और फेरबदल, दोनों एक साथ होंगे।

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ये भी कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल से दो-तीन मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है, इनकी जगह मंत्री पद की आस लगाए बैठे पार्टी के वरिष्ठ विधायकों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। हाल में मुख्यमंत्री ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर मंत्रिमंडल में विस्तार के संकेत दिए थे। वर्तमान में हरिद्वार में पंचायत चुनाव चल रहे हैं। साथ ही पार्टी की जिला इकाइयों का गठन होना है। इसके बाद आगे कदम बढ़ाए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी दूसरी पारी का छह माह का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। छह महीने पहले जब मंत्रिमंडल का गठन हुआ तो तब इसमें तीन पद रिक्त रखे गए थे। आगे पढ़िए

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राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री ही हो सकते हैं। वर्तमान में यह संख्या नौ है। अब उन मंत्रियों के बारे में भी जान लेते हैं, जिन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। वर्तमान में प्रदेश के एक मंत्री स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, साथ ही एक अन्य मंत्री को भी बदले जाने की चर्चा लंबे वक्त से चल रही है। इन बातों को लेकर भी पार्टी हाईकमान ने फीडबैक लिया है। यहां कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का जिक्र करना भी जरूरी है। बीते दिनों चौथी विधानसभा के कार्यकाल में विधानसभा सचिवालय में हुई 72 तदर्थ नियुक्तियों में गड़बड़ी के मामले ने तूल पकड़ा था। ये नियुक्तियां तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई थीं। इसे लेकर विपक्ष ने बीजेपी व उसकी सरकार को घेरने में देर नहीं लगाई। यह खबरें कई दिनों से सुर्खियों में हैं। विधानसभा के भर्ती प्रकरण से बीजेपी असहज महसूस कर रही है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस पर लगातार नजर बनाए हुए है। अब बताया जा रहा है कि हरिद्वार जिले की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूर्ण होने और नवरात्र के बाद मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही फेरबदल के संबंध में जरूरी कदम उठा सकते हैं।