उत्तराखंड ऋषिकेशAnkita Bhandari Murder Case Pulkit Resort Demolished

अंकिता की हत्या के बाद जल्दबाजी में ढहा दिया रिजॉर्ट, पूर्व DGP ने उठाए गंभीर सवाल

जिस वक्त रिजॉर्ट पर बुलडोजर गरजा उस वक्त अंकिता की लाश भी नहीं मिली थी। सवाल ये है कि आखिरकार आधी रात को ऐसा क्या हुआ जो रिजॉर्ट पर जल्दबाजी में बुलडोजर चलाना पड़ा?

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Image: Ankita Bhandari Murder Case Pulkit Resort Demolished (Source: Social Media)

ऋषिकेश: अंकिता भंडारी मर्डर केस के तुरंत बाद पुलकित आर्य के रिजॉर्ट को ढहाए जाने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

Ankita Bhandari Murder Case Uttarakhand

अंकिता भंडारी मर्डर केस का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य है, जो कि पूर्व बीजेपी नेता विनोद आर्य का बेटा है। अंकिता की हत्या के बाद पुलकित की गिरफ्तारी होने पर आधी रात को उसके रिजॉर्ट वनंत्रा पर बुलडोजर चला दिया गया। तमाम लोगों के साथ अंकिता के परिजनों ने भी इस पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि ऐसा करने से अंकिता के कमरे में मौजूद सारे सबूत मिट गए। ये सबूत मिटाने की साजिश हो सकती है। उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी रहे आलोक बी लाल का भी यही कहना है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से रिजॉर्ट को गिराने में जल्दबाजी दिखाई गई है, उससे कई तरह के सबूत वहां से नष्ट हो गए होंगे। इतनी जल्दबाजी किसी भी मामले में सही नहीं है। बता दे कि बीते 23 सितंबर को यमकेश्वर ब्लॉक के गंगा भोगपुर तल्ला में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट पर रात के समय बुलडोजर गरजा। आग पढ़िए

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जिस वक्त रिजॉर्ट को ढहाया गया, उस वक्त तक अंकिता भंडारी का शव बरामद नहीं हुआ था। ऐसे में सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि आखिरकार आधी रात को ऐसा क्या हुआ जो रिजॉर्ट पर जल्दबाजी में बुलडोजर चलाना पड़ा? इस मामले में उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी आलोक बी लाल का कहना है कि बुलडोजर चलने से रिजॉर्ट का काफी हिस्सा नीचे गिर गया। जिससे कई सबूत मिट गए हैं। जिस कमरे में अंकिता भंडारी रहती थी, उस कमरे को भी तोड़ा गया है। इस तरह के मामलों में फॉरेंसिक जांच के लिए बाल से लेकर खाल, पसीना, लार जैसे सैंपल भी उठाने पड़ते हैं, लेकिन ध्वस्तीकरण के बाद ये सब नष्ट हो गया होगा। बाकी कसर वहां हुई तोड़फोड़ और आगजनी ने पूरी कर दी। ऐसे में कैसे इस पूरे मामले की फॉरेंसिक जांच हो पाएगी, यह भी बड़ा सवाल है। जिस वक्त रिजॉर्ट ढहाया गया, उस वक्त यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट भी वहां पर मौजूद थीं। हालांकि ये काम किस के आदेशों पर हुआ? यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है। ये भी पता चला है कि रिजॉर्ट जिस जमीन पर बना था, उसे फैक्ट्री के नाम पर खरीदा गया था। रिजॉर्ट बिना पर्यटन विभाग की एनओसी के संचालित हो रहा था।