उत्तराखंड ऋषिकेशAnkita Bhandari father Virendra Singh statement

अंकिता भंडारी मर्डर: पटवारी को साथ लेकर आरोपियों ने कैसे छुपाई करतूत, पिता ने किया बड़ा खुलासा

अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह बेटी की हत्या से बेहद दुखी हैं और वह चाहते हैं कि तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ को फास्ट ट्रैक कोर्ट से फांसी की सजा मिले।

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Image: Ankita Bhandari father Virendra Singh statement (Source: Social Media)

ऋषिकेश: अंकिता भंडारी हत्याकांड से देवभूमि में गुस्से का माहौल है।

Ankita Bhandari father Virendra Singh statement

जिन परिजनों ने अपनी लाडली को असमय ही खो दिया, वो इस वक्त कितने दर्द में होंगे, इसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता। हर कोई इस घटना से दुखी है, स्तब्ध है, लेकिन इस बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो सोशल मीडिया पर जहर उगलने से बाज नहीं आ रहे। इन लोगों ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर अंकिता के माता-पिता पर पैसे लेकर अंतिम संस्कार करने के आरोप तक लगाए हैं, इससे अंकिता के पिता वीरेन्द्र सिंह‍ भंडारी आहत हैं। अंकिता के पिता वीरेन्द्र सिंह का कहना है कि मेरी बेटी दुनिया से चली गई मैं उसकी कसम खाता हूं, मैंने किसी से कोई पैसे नहीं लिए। अंकिता का शव 24 सितंबर को चीला नहर से बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम के बाद शव को स्वजनों को शाम को सौंपा गया था। रविवार की सुबह अंकिता के शव का अंतिम संस्कार किया जाना था, लेकिन स्वजनों ने आरोपितों को सजा दिलाने की मांग करते हुए अंतिम संस्का‍र से मना कर दिया। करीब साढ़े 8 घंटे चले प्रदर्शन के बाद देर शाम अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया। अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह ने कहा कि लोग कह रहे हैं मैंने पैसे लेकर अंकिता का अंतिम संस्कार होने दिया, जो कि गलत है। 18 सितंबर को मैंने अंकिता को फोन किया लेकिन उसका नंबर नहीं लगा। फिर एक लड़के का फोन आया कि आपकी लड़की रिसॉर्ट में नहीं है। आगे पढ़िए

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19 तारीख को दोबारा फोन आया कि अंकिता सुबह पता नहीं कहां चली गई। अंकिता का फोन भी बंद आ रहा था। रिसॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य और मैनेजर सौरभ भास्कर मुझे पटवारी चौकी पर मिले थे और मुझ पर दबाव बना रहे थे। पटवारी ने भी मेरी रिपोर्ट नहीं लिखी। वह 20 सितंबर को छुट्टी पर चला गया। 20 सितंबर को जब मैं दोबारा शिकायत दर्ज कराने पहुंचा तो वहां पहले से रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर, पुलकित की पत्नी और पिता विनोद आर्य मौजूद थे। मुझसे रुकने के लिए कहा गया। मैं करीब ढाई घंटे तब बाहर इंतजार करता रहा, लेकिन मुझे नहीं बुलाया गया। बाद में मैं भीतर गया और बताया कि मैं अंकिता भंडारी का पिता हूं, कम्प्लेन दर्ज करवाने आया हूं। इस पर पटवारी विवेक कुमार ने कहा कि आपकी कम्प्लेंट नहीं लिखेंगे ये पहले आए हैं, इसलिए इनकी रिपोर्ट लिखेंगे। मैंने कहा मुझे तीन लोगों पर शक है। इनके खिलाफ एप्लिकेशन दे रहा हूं। पुलकित ने कहा कि आप रिसॉर्ट में जाकर सीसीटीवी देखिए। इसके बाद हम रिसॉर्ट पहुंचे, पटवारी भी हमारे साथ था। लेकिन रिसॉर्ट पहुंचकर पुलकित बोला कि सीसीटीवी तीन महीने से खराब है। उन्होंने बताया कि हत्या के आरोपियों ने अपनी करतूत छिपाने की हर संभव कोशिश की थी। अंकिता बहुत मेहनती थी और हमेशा आगे बढ़ने के सपने देखती थी। गांव में कोई भी बता देगा कि अंकिता कैसी लड़की थी? अंकिता के पिता का कहना है कि प्रशासन ने कोई दबाव नहीं बनाया। अंकिता का अंतिम संस्कार मेरी मर्जी से हुआ। शव को 5-6 दिन हो गए थे और दुर्गंध आ रही थी। इसलिए अंतिम संस्कार कर दिया। वीरेंद्र सिंह बेटी की हत्या से बेहद दुखी हैं और वह चाहते हैं कि तीनों आरोपितों पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ को फास्ट ट्रैक कोर्ट से फांसी की सजा मिले।