उत्तराखंड ऋषिकेशankita bhandari murder case patwari vaibhav pratap

अगर अय्याश पटवारी अपनी ड्यूटी निभाता तो अंकिता बच जाती, उसने भी ईमान बेच दिया!

पटवारी वैभव प्रताप पुलकित आर्य के रिजॉर्ट में आया-जाया करता था, सबकुछ पता होने के बावजूद उसने रिजॉर्ट की गैरकानूनी गतिविधियों पर आंखें मूंद रखी थी।

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Image: ankita bhandari murder case patwari vaibhav pratap (Source: Social Media)

ऋषिकेश: अंकिता हत्याकांड में एसआईटी की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।

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इस मामले में स्पेशल टास्क फोर्स ने पटवारी वैभव प्रताप को भी गिरफ्तार कर लिया है। अंकिता हत्याकांड में पटवारी वैभव कुमार की भूमिका संदिग्ध है। आज सुबह एसआईटी ने वैभव कुमार को हिरासत में लिया था और उससे पूछताछ की जा रही थी। अब मामले में वैभव प्रताप को गिरफ्तार किया गया है। वैभव प्रताप यमकेश्वर तहसील के उदयपुर पल्ला-2 पट्टी के राजस्व उपनिरीक्षक रहे हैं। आरोप है कि वैभव प्रताप की अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपियों से नजदीकियां रही हैं। वह पुलकित आर्य के रिजॉर्ट में आया-जाया करता था, सबकुछ पता होने के बावजूद उसने रिजॉर्ट की गैरकानूनी गतिविधियों पर आंखे मूंद रखी थी। अंकिता हत्याकांड को लेकर भी उसे पहले से सबकुछ पता था, बावजूद इसके वो अंकिता के पिता की रिपोर्ट लिखने से कतराता रहा।

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बाद में मामला बिगड़ते देख अपने बचाव के लिए वैभव प्रताप 20 सितंबर को छुट्टी पर चला गया। पटवारी वैभव प्रताप इस मामले में कई राज खोल सकता है, जो केस के लिए अहम साबित होंगे। एसआईटी द्वारा मुख्य आरोपियों से भी 72 घंटे तक लगातार पूछताछ की गई, जिसमें करीब 200 सवाल पूछे गए हैं। इसके लिए आरोपियों को पौड़ी जेल से किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। पौड़ी जेलर ने इस बात की पुष्टि की थी। एसआईटी के सामने आरोपियों की सुरक्षा भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि आरोपियों को लेकर लोगों में गुस्सा है। इससे पहले भी लोगों ने अंकिता हत्याकांड के आरोपियों पर हमला कर दिया था। यही वजह है कि एसआईटी पुलकित आर्य और अन्य दो आरोपियों को किसी अज्ञात स्थान पर लेकर गई, जहां उनसे पूछताछ की गई।