अल्मोड़ा: मौसम विभाग ने 10 अक्टूबर तक उत्तराखंड से मानसून की विदाई होने की उम्मीद जताई है। हालांकि उससे पहले प्रदेश में एक बार फिर बारिश होने की संभावना है।
Uttarakhand Weather report 3 october
मौसम विभाग के मुताबिक मानसून की विदाई से पहले प्रदेश में भारी वर्षा के एक-दो दौर हो सकते हैं। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने 5 अक्टूबर को यलो अलर्ट जारी किया है। राज्य के 6 जिलों नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, उधम सिंह नगर और चंपावत यानी पूरे कुंमाऊं क्षेत्र में मूसलाधार बारिश का अलर्ट है। कहीं कहीं बिजली गिरने से भी जान माल की हानि हो सकती है। उत्तर प्रदेश, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के भी कई क्षेत्रों से मानसून लौट चुका है। उत्तराखंड में भी पिछले कई दिनों से मौसम शुष्क है। 10 अक्टूबर तक उत्तराखंड से भी मानसून की विदाई हो जाएगी। बारिश की बात करें तो बीते दिनों भारी बारिश के चलते प्रदेश में कई जगह आपदा जैसे हालात नजर आए। कई जगह भूस्खलन की वजह से बंद सड़कें अब तक नहीं खुल सकी हैं। देहरादून जिले के जौनसार-बावर में चटख धूप में भी भूस्खलन हो रहा है। क्षेत्र के 17 मोटर मार्ग बंद रहने से ग्रामीण व वाहन चालक बेहाल हैं।
ये भी पढ़ें:
पहले आपदा के चलते फसलों को नुकसान पहुंचा और जिन लोगों की फसलें बच गई, अब वो भी अपनी फसल रोड बंद होने के चलते बाजार तक नहीं ले जा पा रहे। लोनिवि साहिया के तहत राज्य मार्ग मीनस अटाल मोटर मार्ग पर अनारखेड़ा, तिलूर, मझोत, बंडियारा में मलबा आने के कारण ये मार्ग चौथे दिन भी नहीं खुल पाया। बानसू जखनोग बिस्तऊ, कोरुवा क्वारना, लोरली मोटर मार्गों पर भी यातायात पूरी तरह से ठप रहा। पीएमजीएसवाई कालसी पटयूड़, डिरनाड़, डिमीच मोटर मार्गों पर मलबा आने की वजह से ग्रामीण परेशान रहे। बंद मार्गों पर किसानों के कृषि उपज से भरे वाहन फंसे रहे। लोनिवि अधिकारियों ने बताया कि बंद मार्गों को खोलने की कोशिशें जारी हैं। इसके लिए जेसीबी की मदद ली जा रही है। बात करें बारिश की तो इस बार मानसून काल में देश में औसत से छह प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। उत्तराखंड समेत 19 प्रदेशों में सामान्य, 10 में सामान्य से अधिक, एक में बहुत अधिक और छह राज्यों में कम वर्षा हुई है।