उत्तराखंड रुड़कीSuspected terrorist mudassir arrested in roorkee Haridwar

उत्तराखंड में लंबे वक्त से रह रहे थे दो संदिग्ध आतंकी, कई युवाओं का ब्रेनवॉश करने का अंदेशा

उत्तराखंड के रुड़की से बांग्लादेशी आतंकी का पकड़ा जाना पुलिस के सत्यापन अभियान और स्थानीय इंटेलीजेंस पर भी सवाल खड़े कर रहा है।

Suspected terrorist arrested roorkee : Suspected terrorist mudassir arrested in roorkee Haridwar
Image: Suspected terrorist mudassir arrested in roorkee Haridwar (Source: Social Media)

रुड़की: हाल ही में यूपी एटीएस ने जानकारी दी कि उन्होंने 8 संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़ा है। इनमें उत्तराखंड से भी संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार हुई हैं। यूपी एटीएस ने उत्तराखंड एसटीएफ के सहयोग से इन आतंकियों को पकड़ा।

Suspected terrorist arrested in roorkee

पूछताछ में पता चला है कि ये आतंकी उत्तराखंड के हरिद्वार में कुछ क्षेत्र विशेष का इस्तेमाल कर रहे थे। ऐसा इसलिए क्योंकि गजवा-ए-हिंद की विचाराधारा को बढ़ावा देना था। संदिग्ध आतंकियों का काम कट्ठरपंथी विचारधारा के लोगों को खुद से जोड़ना था और उन्हें जेहाद के लिए प्रेरित करना था। पकड़े गएसंदिग्ध आतंकियों में से एक बांग्लादेश का भी है। बताया गया है कि वो लंबे समय से हरिद्वार में रह रहा था। जानकारी ये भी मिली है कि उसने एक स्थानीय युवक को दोस्त बनाया हुआ था। इस बात का शक है कि इन दोनों ने हरिद्वार के सैकड़ों युवाओं को अपनी विचारधारा से जोड़ा। संयुक्त टीम ने अलीनूर और मुदस्सिर को पकड़ा है। इनमें से अलीनूर बांग्लादेश का रहने वाला बताया जा रहा है।

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आगे की जानकारी कहती है कि इन संदिग्धों को टेरर फंडिंग के जरिये बहुत सा पैसा मिल रहा था। इससे ये अपना स्थानीय मॉड्यूल तैयार कर रहे थे। बांग्लादेश के अलीनूर को उत्तराखंड निवासी मुदस्सिर ही अपने साथ लाया था। ये दोनों गजवा-ए-हिंद की विचारधारा से जुड़े हुए थे। खबर है कि इन्होंने ज्वालापुर और इसके आसपास के इलाकों में युवाओं को अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया। डीजीपी अशोक कुमार ने भी इस बारे में अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश एटीएस ने उत्तराखंड एसटीएफ की मदद से गजवा-ए-हिंद के दो आतंकियों को हरिद्वार के रूड़की से गिरफ्तार किया है। उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। आपको बता दें कि हरिद्वार संवेदनशील जिला है। यहां पुलिस समय-समय पर सघन सत्यापन अभियान चलाने का दावा करती है। बावजूद इसके दोनों संदिग्ध आतंकी लंबे समय से युवाओं का ब्रेन वॉश करने में जुटे थे।