देहरादून: Uttarakhand Ankita Murder Case अंकिता भंडारी मर्डर केस के बाद राजस्व पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे थे। अंकिता के लापता होने के बाद राजस्व पुलिस खोजबीन करना तो दूर मुकदमा तक दर्ज नहीं कर सकी थी।
Patwari police to end in uttarakhand
इस घटना से सबक लेकर अब प्रदेश में राजस्व पुलिस व्यवस्था को धीरे-धीरे खत्म करने की कवायद शुरू हो गई है। बुधवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में राजस्व पुलिस को हटाने के फैसले को मंजूरी मिल गई है। इस संबंध में सैद्धांतिक निर्णय लेते हुए प्रदेश कैबिनेट ने छह नए पुलिस थाने और 20 चौकियों को मंजूरी दे दी है। धीरे- धीरे सम्पूर्ण राजस्व क्षेत्र में कानून व्यवस्था का काम रैग्यूलर पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा। बता दें कि अंकिता हत्याकांड के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राजस्व पुलिस पर सवाल उठाए थे। तब उत्तराखंड सरकार ने घोषणा की थी कि राजस्व पुलिस व्यवस्था को धीरे-धीरे उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों से खत्म कर दिया जाएगा।
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इसी कड़ी में राजस्व क्षेत्रों में छह नए थाने व 20 पुलिस चौकियां खोलने का निर्णय लिया गया है। यमकेश्वर, छाम, घाट, खनस्यूं, देघाट ओर धौलछीना में नए थाने बनेंगे। जबकि लाखामंडल, बीरोंखाल,गजा, कंडीखाल, चमियाला, नौटी, नारायणबगड़, उर्गम, चोपता, दुर्गाधार, सांकरी, धौतरी, औखलकांडा, धानाचूली, हेडाखान, धारी, मजखाली, जागेश्वर, भौनखाल और बाराकोट में पुलिस चौकियां स्थापित की जाएंगी।
Revenue patwari Police Uttarakhand
प्रदेश में राजस्व पुलिस व्यवस्था 1861 से चल रही है। जहां पटवारी, लेखपाल, कानूनगो अपराध होने की स्थिति में न सिर्फ मुकदमा दर्ज करता है, बल्कि उसकी जांच भी करता है। जानकारों के मुताबिक दोहरी पुलिस व्यवस्था वाला उत्तराखंड एक मात्र ऐसा राज्य है। उत्तराखंड का 61 फीसदी हिस्सा राजस्व पुलिस के अधीन संचालित होता है। ये बात और है कि संसाधन न होने की वजह से बड़े मामलों की जांच आमतौर पर रैग्यूलर पुलिस को सौंप दी जाती है। इससे अपराधियों की धरपकड़ में देरी होती है। अंकिता भंडारी हत्याकांड Ankita Murder Case के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने राज्य में राजस्व पुलिस व्यवस्था को तत्काल समाप्त करने का अनुरोध किया था।