उधमसिंह नगर: उत्तराखंड में यूपी पुलिस की दबिश को लेकर बवाल खड़ा हो गया है।
Controversy between Uttarakhand Police UP Police
बुधवार को यूपी एसओजी और ठाकुरद्वारा पुलिस 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश को पकड़ने के लिए काशीपुर गई थी, लेकिन बिना होमवर्क और पूरी तैयारी के पहुंची यूपी पुलिस की कार्रवाई में न सिर्फ एक महिला की मौत हो गई बल्कि दो सिपाहियों को भी गोली लग गई। पांच अन्य पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। मामले को लेकर धामी सरकार की उत्तरखंड पुलिस और योगी आदित्यनाथ की यूपी पुलिस आमने-सामने आ गई है। उत्तराखंड और यूपी पुलिस की ओर से मामले में केस दर्ज किया गया है। लगातार जारी बवाल के बीच उत्तराखंड पुलिस के डीआईजी (कुमाऊं जोन) एनए भरणे ने कहा कि यूपी पुलिस उत्तराखंड में स्थानीय पुलिस को बिना कोई सूचना दिए दबिश देने आई थी, जिसके बाद बवाल शुरू हुआ। पुलिसकर्मी वर्दी में भी नहीं थे। पुलिसकर्मियों द्वारा जबरन घर में घुसकर फायरिंग की गई, जिससे एक महिला की मौत हो गई।
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इस संबंध में हत्या का केस दर्ज किया गया है। इतना ही नहीं महिला की मौत के बाद मचे बवाल में घायल यूपी पुलिसकर्मी बिना उत्तराखंड पुलिस को सूचित किए वापस यूपी (मुरादाबाद) चले गए, इस पर भी उत्तराखंड पुलिस ने सवाल उठाया है। इस संबंध में डीआईजी मुरादाबाद शलभ माथुर मुरादाबाद पुलिस के बचाव में आए हैं। उनका कहना है कि 50 हजार के इनामी बदमाश के लिए यूपी पुलिस द्वारा दबिश दी गई थी। जब हमारी टीम पहुंची तो पुलिस टीम को बंधक बना लिया गया था और हथियार भी छीन लिए गए थे। तीन पुलिसकर्मियों को गोली लगी है, जबकि तीन पुलिसकर्मी ग्रामीणों के साथ झड़प में घायल हुए हैं। ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। बता दें कि यूपी पुलिस इनामी बदमाश को पकड़ने के लिए सादे कपड़ों में कुंडा थाना के भरतपुर गांव पहुंची थी। ग्रामीणों के पूछताछ करने पर पुलिसकर्मियों ने पिस्टल दिखाई, जिसके बाद बवाल शुरू हो गया। Kashipur Firing में यूपी पुलिस की कार्रवाई के दौरान गोली लगने से जसपुर के ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की जान चली गई। जिसके बाद गांव में तनाव का माहौल है।