उत्तराखंड पिथौरागढ़Cannabis cultivation will be done in Pithoragarh

पिथौरागढ़ में जोर-शोर से होगी भांग की खेती, युवाओं की जबरदस्त कमाई..जानिए कैसे

पिथौरागढ़ में भांग की खेती के साथ इससे प्रोड्क्टस तैयार करने के लिए इंडस्ट्री लगाई जाएगी, जिसके लिए नाबार्ड की ओर से वित्तीय मदद दी जाएगी।

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Image: Cannabis cultivation will be done in Pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: नशे के लिए बदनाम भांग अब पहाड़वासियों के लिए रोजगार का नया जरिया बनेगा। उत्तराखंड शासन ने जीरो नशे वाली भांग की खेती को बढ़ावा देने की कवायद शुरू कर दी है।

Hemp cultivation will be done in Pithoragarh

इसके तहत पर्वतीय जिलों में इंडस्ट्रियल हैंप विकसित किए जाएंगे। जिनमें 0.3 टीएससी(ट्रेटा हाइड्रो कैनन विलोन) मात्रा की भांग उगाई जाएगी। सरकार की मंशा भांग की खेती को स्वरोजगार से जोड़ने की है। पिथौरागढ़ में भांग की खेती के साथ इससे प्रोड्क्ट तैयार करने के लिए इंडस्ट्री लगाई जाएगी, जिसके लिए नाबार्ड की ओर से वित्तीय मदद दी जाएगी। जिला आबकारी अधिकारी गोविंद सिंह मेहता ने बताया कि इंडस्ट्रीयल हैंप के प्रस्ताव तैयार करने के लिए तैयारियां की जा रही हैं। तीन प्रस्ताव मिल चुके हैं। जिले भर से प्रस्ताव मंगाए जा रहे हैं। भांग की खेती के लिए बीज आबकारी विभाग खुद उपलब्ध कराएगा।

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भांग के दानों का आहार में उपयोग करने के साथ ही भांग के पौधों के डंडो से निकलने वाले रेशे से चप्पल, जूते, कपड़े, बैग आदि तैयार किए जायेंगे। इससे बनने वाले बैग सिंगल यूज प्लास्टिक का एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं। योजना अगर परवान चढ़ी तो पहाड़ के युवाओं को रोजगार का नया विकल्प मिल जाएगा। ग्रामीण युवा अपनी भूमि में भांग की खेती कर सकते हैं। इससे युवाओं को अच्छी आमदनी संभव है। भांग की खेती के साथ ही साथ युवा उद्योग लगाकर सस्ते बैग तैयार कर सकते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित होने के बाद बाजार सस्ते बैग का विकल्प तलाश रहा है। भांग का इस्तेमाल दवा बनाने में भी होता है। इंडस्ट्रीयल हैंप के प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी आबकारी विभाग को दी गई है। विभाग प्रस्ताव तैयार कर नाबार्ड को सौंपेगा। नाबार्ड इसमें वित्तीय मदद देगा।

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