ऋषिकेश: अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच एसआईटी को सौंपी गई है, लेकिन प्रदेश के लोग चाहते हैं कि इस केस की जांच सीबीआई से कराई जाए।
investigation in Ankita Bhandari murder case
एसआईटी जांच आगे बढ़ने का दावा जरूर कर रही है, पर अब तक उस वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं हो सका है, जिसे स्पेशल सर्विस देने के लिए अंकिता पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था। लोगों का मानना है कि एसआईटी उस वीआईपी का नाम जरूर जानती होगी, लेकिन कुछ छिपाया जा रहा है। इस पूरे प्रकरण में कुछ सवालों के चलते लोगों को एसआईटी पर भरोसा नहीं हो पा रहा है। दरअसल अब तक जो भी तथ्य सामने आए हैं, उसमें किसी वीआईपी का जिक्र होता रहा है। आम लोग भी इस वीआईपी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाते आए है, लेकिन घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी एसआईटी ने उक्त वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं किया।
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बता दें कि पौड़ी की रहने वाली 19 साल की अंकिता यमकेश्वर के वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थी। पुलकित उस पर रिजर्ट में आने वाले ग्राहकों संग संबंध बनाने का दबाव बना रहा था। अंकिता ने इनकार किया तो पुलकित ने चीला नहर में धक्का देकर अंकिता की हत्या कर दी। पुलकित आर्य के इस घिनौने कृत्य में उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता भी शामिल थे। मामले में क्योंकि बीजेपी के बड़े नेता का नाम भी शामिल है। लिहाजा लोगों को बीजेपी सरकार के अधीन काम करने वाली एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं हो रहा। हर किसी के मन में यही सवाल है कि एसआईटी आखिर उस वीआईपी के नाम पर पर्दा क्यों डाल रही है, जिसे स्पेशल सर्विस न देने पर Ankita Bhandari की हत्या कर दी गई। संदेह के चलते लोग मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।