उत्तराखंड देहरादूनFormer Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat Advisor KS Panwar Case

उत्तराखंड की राजनीति में उमेश कुमार ने मचा दी खलबली, बुरे फंसे पूर्व CM त्रिवेंद्र के सलाहकार

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के करीबी माने जाने वाले केएस पंवार की पत्नी इस कंपनी में निदेशक रह चुकी हैं। कंपनी के खिलाफ करीब 50 हजार लोगों के फर्जी आरडी व एफडी खाते खुलवाने का आरोप है।

umesh kumar trivendra singh rawat : Former Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat Advisor KS Panwar Case
Image: Former Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat Advisor KS Panwar Case (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के खानपुर से विधायक उमेश कुमार ने प्रदेश की राजनीति में तहलका मचा दिया है। उन्होंने ऐसा दावा कर डाला, जिससे उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र के सलाहकार मुश्किलों में फंस सकते हैं।

Trivendra Singh Rawat Advisor KS Panwar Case

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के तत्कालीन सलाहकार केएस पंवार से जुड़ी कंपनी के खिलाफ गंभीर आरोप लग रहे हैं। आरोप है कि कंपनी लोगों की वोटर आईडी के जरिए उनके फर्जी खाते खुलवाती थी। ये वोटर कार्ड वे इंटरनेट के जरिए कई साइटों से डाउनलोड करते थे। उनकी कंपनी पर करीब दो सौ करोड़ की मनी लान्ड्रिंग का करने का इल्जाम है। सोशल म्यूचुअल बेनीफिट्स निधि लिमिटेड नाम की इस कंपनी के खिलाफ शिकायत के बाद एसटीएफ ने शुरुआती जांच की थी। मामले की विस्तृत जांच आर्थिक अपराध शाखा से करवाई जा रही है। महत्वपूर्ण खबर यह है कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के करीबी माने जाने वाले केएस पंवार की पत्नी इस कंपनी में निदेशक रह चुकी हैं और कंपनी के खिलाफ करीब 50 हजार लोगों के फर्जी आरडी व एफडी खाते खुलवाने का आरोप है। आरोप यह भी है कि इन खातों के जरिए करीब दो सौ करोड़ का काला धन वैध किया गया है। लेकिन कई बार शिकायत के बाद भी कंपनी के खिलाफ जांच नहीं की गई। गौर किए जाने वाली बात यह भी है कि मनीलांड्रिंग के आरोप तब लगे जब केएस पंवार की पत्नी कंपनी की निर्देशक थीं। केएस पंवार की पत्नी 2017 से 2020 तक कंपनी की निदेशक रहीं। मनी लान्ड्रिंग के आरोप भी इसी दौरान के बताए जा रहे हैं।

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वहीं कंपनी के निदेशक केएस पंवार ने तमाम आरोपों को झूठा साबित करते हुए कहा है कि शिकायत पर पूर्व में भी पुलिस विस्तृत जांच करा चुकी है। उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व कंपनी की छवि को धूमिल करने व आर्थिक सामाजिक नुकसान पहुंचाने के मकसद से बार-बार एक ही शिकायत से सरकार को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं कंपनी नियमानुसार अपना समस्त वित्तीय कारोबार और सभी लेखा-विवरण संबंधित विधि के अनुसार नियमित रूप से जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के पास जमा कराती आ रही है। वहीं इस पूरे मामले में आम आदमी पार्टी जमकर राजनीति करते हुए नजर आ रही है और भारतीय जनता पार्टी का नाम धूमिल कर रही है। आम आदमी पार्टी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर तीखे सवाल उठाए हैं। पार्टी प्रवक्ता रविंद्र आनंद ने कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। वहीं डीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने बताया कि कंपनी के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगे हैं। सरकार के निर्देश पर आर्थिक अपराध शाखा को जांच सौंप दी गई है। जांच के नतीजे के अनुसार ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।