देहरादून: उत्तराखंड में मंगलवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए।
6 died due to earthquake in Nepal Doti
नेपाल में रात करीब 1 बजकर 57 मिनट पर आए तीव्र भूकंप का असर उत्तराखंड के कई जिलों में देखा गया। पिथौरागढ़, चंपावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर में तेज भूकंप के झटके महसूस होते ही डरे हुए लोग घरों से बाहर की ओर भाग निकले।नेपाल में भूकंप 9 नवंबर रात 1 बजकर 57 मिनट पर आया। एपिसेंटर नेपाल के मणिपुर में जमीन से 10 किमी नीचे था। यहां दोती जिले में घर गिरने से 6 लोगों की जान चली गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि भूकंप के झटके इतने तेज थे कि घरों के खिड़की-दरवाजे तक हिलने लगे। रुद्रप्रयाग जिले में भी भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया। जानकारी के अनुसार ऊखीमठ, जखोली, अगस्त्यमुनि विकास खंड में 1 बजकर 57 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे यहां अफरा-तफरी मच गई। नैनीताल जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी के अनुसार भूकंप का केंद्र नेपाल के कुलखेती में था। रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 6.3 तक मापी गई। वहां अब तक 6 लोगों की मौत होने की सूचना है। भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी
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Uttarakhand earthquake
उत्तराखंड की बात करें तो यहां पिछले कुछ वक्त से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। मंगलवार देर रात के बाद बुधवार की सुबह उत्तराखंड में दोबारा भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जिसके बाद से प्रदेश के लोग दहशत में हैं। यहां सुबह करीब 6 बजकर 27 मिनट पर पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 4.3 मैग्नीट्यूड रही। फिलहाल भूकंप से नुकसान की कोई खबर नहीं है। बता दें कि भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड राज्य बेहद संवेदनशील है और जोन पांच में आता है। गढ़वाल का उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग जिला और कुमाऊं का कपकोट, धारचूला, मुनस्यारी क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से सर्वाधिक संवेदनशील हैं। 1991 में उत्तरकाशी में भूकंप ने बड़ी तबाही मचाई थी। 6.8 तीव्रता के इस भूकंप में 768 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।