उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand Kiran Negi Chhawla gangrape case review petition

उत्तराखंड की ‘निर्भया’ को मिलेगा इंसाफ, छावला गैंगरेप केस से जुड़ी बड़ी अपडेट पढ़ लीजिए

9 फरवरी 2012 को उत्तराखंड की रहने वाली किरन नेगी की गैंगरेप के बाद दोनों आंखों में तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी।

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Image: Uttarakhand Kiran Negi Chhawla gangrape case review petition (Source: Social Media)

देहरादून: पहाड़ की बेटी के गुनाहगार बख्शे नहीं जाएंगे। बीते दिनों छावला गैंगरेप मर्डर केस के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया था।

Chhawla gangrape case review petition

इस फैसले को लेकर सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं, देशभर में गुस्से की लहर देखी गई। पहाड़ की बेटी किरन नेगी को इंसाफ दिलाने के लिए जोर-शोर से आवाज उठी, प्रदर्शन हुए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उत्तराखंड की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए पुरजोर कोशिशें शुरू कर दी थीं और अब उनके प्रयास रंग लाते दिख रहे हैं। इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को मंजूरी दे दी है। मामले में सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को नियुक्त करने की मंजूरी भी प्रदान की गई है। कल मुख्यमंत्री ने दिल्ली स्थित उत्तराखंड भवन में किरन नेगी के माता-पिता से मुलाकात की।

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मुख्यमंत्री ने किरन नेगी के माता-पिता को इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया था। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। मामले में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू से भी बात की है। बता दें कि 9 फरवरी 2012 को उत्तराखंड की रहने वाली 19 वर्षीय किरन नेगी की गैंगरेप के बाद दोनों आंखों में तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में निचली अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। दोषियों ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए आरोपियों को निर्दोष ठहराया था। पीड़ित परिवार मूलरूप से पौड़ी जिले के ब्लाक नैनीडांडा का रहने वाला है। फिलहाल किरन का परिवार दिल्ली के द्वारका में रह रहा है और बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ रहा है।