उत्तराखंड ऋषिकेशankita bhandari murder case narco test of pulkit

अंकिता भंडारी केस में तीनों आरोपियों का हो सकता है नार्को टेस्ट, जानिए कैसे होता है ये टेस्ट

ankita bhandari murder case तीनों आरोपियों का हो सकता है नार्को टेस्ट, सदन में विपक्ष ने सरकार को घेरा

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Image: ankita bhandari murder case narco test of pulkit (Source: Social Media)

ऋषिकेश: उत्तराखंड के पौड़ी जिले के यमकेश्वर में वनंत्रा रिजॉर्ट में 19 वर्षीय रिशेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी हत्याकांड से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है।

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अंकिता की हत्या करने वाले तीनों आरोपियों का नार्कों टेस्ट करवाया जा सकता है। यह बात सूबे के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगशन ने कही है। अगर एसआईटी को जरूरत पड़ी तो वो अंकिता हत्याकांड में अदालत की अनुमति लेकर मुख्य आरोपी पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपियों का नार्को टेस्ट करवा सकते हैं। गौरमतलब है कि 2 महीने बीत जाने के बाद भी अंकिता भंडारी को न्याय नहीं मिल सका है। वहीं, अंकिता भंडारी हत्याकांड के मामले में उत्तराखंड विधानसभा सदन के भीतर और बाहर हंगामा बरपा हुआ है।पूरे मुद्दे को विपक्ष उछाल रहा है और सरकार को घेर रहा है। अब तक वीआईपी का पता नहीं लग पाया है। ऐसे में कांग्रेस सवाल उठा रही है कि वह वीआईपी कौन है, जिससे अंकिता की मुलाकात कराई जानी थी। वहीं विपक्ष मामले की सीबीआई जांच चाहता है। वहीं अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में जेल में बंद आरोपियों पर रविवार को पुलिस ने गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पौड़ी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने कार्यभार संभालते ही आदेश जारी कर पौड़ी के पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रेम लाल टम्टा और लक्ष्मण झूला के थाना प्रभारी को हत्याकांड के आरोपियों पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। आगे जानिए नार्को टेस्ट क्या होता है।

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What is narco test

नार्को टेस्ट को नार्कोएनालिसिस टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। परीक्षण के दौरान व्यक्ति के शरीर में सोडियम पेंटोथल इंजेक्ट किया जाता है । इसे 'सत्य सीरम' के नाम से भी जाना जाता है, यह इंजेक्शन आरोपी को सम्मोहक अवस्था में ले जाता है। इस अवस्था में, यह माना जाता है कि अभियुक्त झूठ नहीं बोल सकता। नार्को विश्लेषण एक फोरेंसिक परीक्षण होता है, जिसे जाँच अधिकारी, मनोवैज्ञानिक, चिकित्सक और फोरेंसिक विशेषज्ञ की उपस्थिति में किया जाता है।

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