उत्तराखंड ऋषिकेशGang arrested for making Aadhaar cards of foreign nationals in Rishikesh

उत्तराखंड में देश की सुरक्षा से खिलवाड़, सिर्फ 10 हजार रुपये में बन रहे विदेशियों के आधार कार्ड

पकड़े गए आरोपी महज दस हजार के लिए लोगों के फर्जी वोटर, पैन कार्ड और आधार कार्ड बना रहे थे।

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Image: Gang arrested for making Aadhaar cards of foreign nationals in Rishikesh (Source: Social Media)

ऋषिकेश: उत्तराखंड राज्य की सीमाएं चीन और नेपाल से लगती हैं, जो कि इसे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य बनाती हैं। इसी राज्य में कुछ लोग महज दस-दस हजार के लिए देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। विदेशी नागरिकों के फर्जी वोटर-आधार कार्ड बना रहे थे।

Gang making Aadhaar cards of foreign nationals in Rishikesh

मामला ऋषिकेश का है। जहां पुलिस ने कॉमन सर्विस सेंटर में छापा मार कर 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। मौके से 640 ब्लैंक प्लास्टिक कार्ड, 200 लेमिनेशन कवर, 28 वोटर आईडी, 68 आधार कार्ड, 17 पैन कार्ड और सात आयुष्मान कार्ड मिले। साढ़े 12 हजार की नकदी भी मिली। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि थाना ऋषिकेश क्षेत्र में एक ऐसे आधार सेंटर के बारे में पता चला था। जहां बगैर किसी वैध डॉक्यूमेंट के लोगों के फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाए जा रहे थे। कई विदेशी नागरिकों के भी फर्जी वोटर कार्ड बनाए गए। सूचना मिलने पर एसटीएफ ने जाल बिछाया और दिल बहादुर नाम के एक शख्स को नेपाली नागरिक बताते हुए सेंटर में भेजा। वहां दुकान का मालिक लक्ष्मण सैनी फर्जी आधार कार्ड फर्जी वोटर आईडी कार्ड बिना किसी वैध दस्तावेज के बनाने के लिए तैयार हो गया।

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इसके लिए उसने दस हजार रुपये मांगे। एडवांस में तीन हजार रुपये भी ले लिए। 26 दिसंबर को आरोपी ने वोटर आईडी कार्ड देने का वादा किया था। दिलबहादुर दुकान में पहुंचा तो लक्ष्मण सैनी ने उसे पौड़ी के किसी गांव का निवासी बताते हुए फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाकर दे दिया। तभी पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई और आरोपी और उसके साथियों को धर दबोचा। मौके से कई फर्जी आधार कार्ड और वोटर कार्ड भी मिले हैं, जिनमें से 3 कार्ड नेपाली नागरिकों के हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फर्जी पहचान पत्र का उपयोग राष्ट्र विरोधी गतिविधियों, मोबाइल सिम खरीदने और अन्य आपराधिक गतिविधियों में किया जा सकता था। फिलहाल तीनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं, उन्होंने अभी तक कितने लोगों के फर्जी कार्ड बनाए, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।