उत्तरकाशी: उत्तरकाशी के पुरोला में धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद हिंदू संगठनों में खासा आक्रोश है।
Uttarkashi Purola Conversion
क्षेत्रवासियों ने धर्मांतरण के आरोपी नेपाली परिवारों और एनजीओ संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। बीजेपी के पूर्व प्रदेश मंत्री बलदेव रावत ने कहा कि रवांई क्षेत्र के पुरोला, धडोली, सरला, चालनी, करड़ा, चपटाडी व आसपास क्षेत्र में दर्जनों नेपालियों के परिवार दशकों से रह रहे हैं। ये सभी सेब के बगीचों में काम करते रहे हैं। उनके बच्चे भी यहीं पले हैं। इन लोगों के राशन कार्ड और वोटर कार्ड भी बने हुए हैं, अब यही लोग धर्मांतरण की साजिश में शामिल होकर क्षेत्र का माहौल और भाईचारा बिगाड़ रहे हैं। बीजेपी नेता ने धर्मांतरण कराने वाले एनजीओ संचालक की संपत्ति की जांच की मांग की। पुरोला तहसील के अलग-अलग गांवों में सेब के बगीचों में रह रहे नेपाल मूल के लगभग 27 परिवारों के पास डेढ़ दशक पहले से राशनकार्ड व वोटर आईडी बनी हुई है। इनमें धर्मांतरण का आरोपी करड़ा निवासी जगदीश ठाकुर समेत डडोली के 11, सिकारू के 6, चपटाडी के 6 व सलरा के दो परिवार शामिल हैं।
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जगदीश ठाकुर और उसके संपर्क के तीन परिवारों पर धर्मांतरण में संलिप्त होने का अंदेशा है। पुरोला के एसडीएम जितेंद्र कुमार ने कहा कि मतांतरण मामले में मिशनरी और आरोपियों की संपत्ति की जांच कराए जाने को लेकर अभी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शिकायत मिलने पर संबंधित व्यक्तियों की भूमि व संपत्ति की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि पुरोला में मतांतरण का मामला पहले भी सामने आ चुका है। करीब दस साल पहले मोरी के आराकोट बंगाण पट्टी के कलीच गांव में भी दर्जनों परिवारों पर मतांतरण का आरोप लगा था। मामले में हंगामा और मारपीट भी हुई थी। तब दोनों पक्षों के 69 व्यक्तियों के विरुद्ध ठडियार पटवारी चौकी में मारपीट और गालीगलौज का मुकदमा दर्ज हुआ था, हालांकि बाद में आरोपियों ने धर्मांतरण के किसी भी मामले में शामिल होने से इनकार कर दिया था।