हल्द्वानी: हल्द्वानी में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने की कवायद जारी है।
Encroachment in 4000 houses in Haldwani
रेलवे अधिकारियों की टीम सुरक्षा व्यवस्थाओं के निरीक्षण के लिए हल्द्वानी पहुंच गई है और जल्द सुरक्षा इंतजाम पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं। उधर राहत पाने के लिए एक पक्ष ने अब सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश, सपा के प्रदेश प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी सहित कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट ने एसएलपी स्वीकार कर ली है। इस मामले में सुनवाई पांच जनवरी को होगी। विधायक सुमित हृदयेश ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनके वकील सलमान खुर्शीद हैं और उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर ली है। विधायक के अनुसार इस मामले में सुनवाई पांच जनवरी को होगी। समाजवादी पार्टी समेत तमाम राजनैतिक पार्टियां भी बनभूलपुरा मामले में दिलचस्पी दिखा रही हैं।
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सपा के प्रदेश प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने बताया कि उन्होंने भी एसएलपी दायर की है। उनके वकील प्रशांत भूषण और अन्य हैं। इस संबंध में उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष से बातचीत हुई थी। उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट पांच जनवरी को उनके पक्ष में कोई निर्णय लेगा। उधर, इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले गौलापार निवासी रविशंकर जोशी ने भी कैविएट दाखिल कर दी है। बनभूलपुरा संघर्ष समिति का आंदोलन भी लगातार जारी है। बीते दिन समिति ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में हल्द्वानी रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में पचास हजार लोगों पर मानवीय दृष्टि रखने का अनुरोध किया गया है। वहीं सोमवार को इज्जतनगर रेलवे मंडल के एडीआरएम विवेक गुप्ता, आरपीएफ के ग्रुप कमांडेंट समेत अन्य अधिकारी हल्द्वानी पहुंचे। रेलवे अधिकारियों ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें सुरक्षा इंतजामों को लेकर चर्चा हुई। एडीआरएम ने मौके पर ही मंगलवार से सुरक्षा इंतजाम पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं।