उत्तरकाशी: उत्तराखंड के शहरों से लेकर पहाड़ तक भ्रष्टाचार किस तरह सिस्टम की जड़ें खोखली कर रहा है? इसके कई बार हमें उदाहरण भी मिल जाते हैं।
Uttarkashi doctor Monika bribery case
अब जो खबर हम आपको बता रहे हैं वो भी ये भी सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर ये घूसखोरी, कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार का भूत हमारे सिस्टम को कब छोड़ेगा? दरअसल दिनांक 13 जनवरी को पुलिस अधीक्षक, सतर्कता अधिष्ठान के कार्यालय में एक शिकायती पत्र आया। पत्र में बताया गया कि उत्तरकाशी के नौगांव में बड़ा खेल हो रहा है। यहां अनुसूचित जाति / जनजाति की बीपीएल महिलाओं के लिये बकरी पालन योजना में मिलने वाले सरकारी अंशदान का चैक देने के एवज में 8-8 हजार रुपये मांगे जा रहे थे। आगे पढ़िए
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पशुपालन विभाग नौगांव में नियुक्त पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ मोनिका गोयल 8,000 रूपये रिश्वत की मांग की जा रही थी। पुलिस अधीक्षक, सतर्कता अधिष्ठान रेनू लोहानी द्वारा इस पत्र का संज्ञान लिया गया। आरोपो पर संज्ञान लेते हुये गोपनीय रूप मे जाँच करायी गयी। जांंच में प्रथम दृष्टया सही पाये गये। जिस पर त्वरित एक ट्रैप टीम का गठन किया गया। 18 जनवरी को डॉ मोनिका गोयल को क्लीनिक में 8000 रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। यहां आप को ये भी बता दें कि डा मोनिका गोयल साल 2011 से वर्तमान तक पशु चिकित्साधिकारी पद पर जनपद उत्तरकाशी में नियुक्त है।