उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालStory of headless ghost of lansdowne

गढ़वाल: लैंसडौन में आधी रात को घूमता है सिर कटा अंग्रेज भूत, जवानों पर रखता है सख्त नज़र

Story of headless ghost of lansdowne लैंसडाउन के उस सिरकटे अंग्रेज भूत की कहानी जो छावनी में ड्यूटी कर रहे सिपाहियों की करता है निगरानी

Lansdowne headless ghost: Story of headless ghost of lansdowne
Image: Story of headless ghost of lansdowne (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड में स्थित लैंसडाउन अंग्रेजों का बसाया एक खूबसूरत शहर है।लैंसडाउन, उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल में स्थित है। इस जगह को वास्तव में कालो का डांडा कहते हैं।

Story of headless ghost of lansdowne

इसको लैंसडाउन को अंग्रेज हुकूमत ने गढ़वाल राइफल्स के ट्रेनिंग सेंटर (Training center of the Garhwal Rifles) के तौर पर विकसित किया था। मगर हम आपको लैंसडाउन से जुड़े एक ऐसे रोचक किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको सुनकर शायद आपको भी बड़ा झटका लगे। लैंसडाउन के भूतों के किस्से बेहद प्रचलित हैं। ऐसा कहा जाता है कि रात के समय लैंसडाउन छावनी में सफ़ेद घोड़े पर सवार एक सरकटा अंग्रेज घूमता है और वह छावनी में ड्यूटी कर रहे सिपाहियों की निगरानी करता है। और अगर कोई सिपाही रात की ड्यूटी में सोता मिलता है तो भूत उसके सिर पर मार कर जगा देता है। घोड़े पर सवार अंग्रेज का भूत उन सिपाहियों को भी हड़काता है जो कि बेहूदगी से वर्दी पहनते हैं। आगे पढ़िए

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ऐसा कहा जाता है कि यह भूत एक अंग्रेज ऑफिसर डब्लू. एच. वार्डेल का है जिनकी प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मृत्यु हो गई थी। यह भी खबर प्रचलित है कि उनकी लाश आजतक नहीं मिली। डब्लू. एच. वार्डेल एक ब्रिटिश अफ़सर थे जो 1893 में भारत आए। प्रथम युद्ध के दौरान उन्होंने बहादुरी दिखाते हुए लड़ाई की। युद्ध में उनकी मौत के बाद ब्रिटिश अख़बारों में लिखा गया था कि वह शेर की तरह लड़ा और मारा गया। तबसे यह माना जाता है कि 100 साल बाद आज भी डब्लू. एच. वार्डेल भूत बनकर लैंसडाउन छावनी में ही घूमते हैं। लोगों का मानना है कि जिस रात वोर्डेल मारा गया ठीक उसी रात लैंसडाउन की छावनी में एक बगैर सर वाले अंग्रेज को सफ़ेद घोड़े में सवार देखा गया। तबसे वह हर रोज़ छावनी में सिपाहियों पर निगरानी रख रहे हैं।