उत्तराखंड हरिद्वारElectric wires will be underground in Dehradun

गुड न्यूज: देहरादून से गायब होने वाले हैं बिजली के तार, UPCL के हाईटेक प्रोजक्ट पर काम शुरू

कई बार सड़क निर्माण या दूसरे कार्यों के लिए बिजली के तारों को शिफ्ट करना पड़ता था। बिजली के तार अंडरग्राउंड होंगे तो ये समस्या भी नहीं रहेगी।

देहरादून बिजली तार अंडरग्राउंड: Electric wires will be underground in Dehradun
Image: Electric wires will be underground in Dehradun (Source: Social Media)

हरिद्वार: देहरादून शहर को बिजली के तारों से निजात मिलने वाली है। शहर में बिजली की सप्लाई तो रहेगी, लेकिन बिजली के तार शहर में नजर नहीं आएंगे, वो इसलिए क्योंकि बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया जा रहा है।

Electric wires will be underground in Dehradun

इससे पहला फायदा तो ये होगा कि शहर की खूबसूरती बढ़ जाएगी। दूसरा फायदा ये है कि कई बार सड़क निर्माण या दूसरे कार्यों के लिए बिजली के तारों को शिफ्ट करना पड़ता था। बिजली के तार अंडरग्राउंड होंगे तो ये समस्या भी नहीं रहेगी। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड देहरादून ने योजना पर काम शुरू कर दिया है। एशियन डेवलपमेंट बैंक में स्वीकृतियों को लेकर मौजूदा औपचारिकताओं को भी पूरा कर लिया गया है। उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर को बिजली के तारों के जाल से मुक्ति दिलाने जा रहा है। इसके लिए लंबे वक्त से कोशिशें की जा रही थीं, अब एशियन डेवलपमेंट बैंक से भी इसके लिए स्वीकृति मिल गई है।

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इस योजना पर 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। देहरादून को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसके लिए चुना गया है। यहां सभी लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाना है। 3 से 4 महीनों में बिजली की लाइनों को भूमिगत करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। एक साल में सभी बिजली की लाइनें अंडरग्राउंड हो जाएंगी। यूपीसीएल एमडी अनिल कुमार ने कहा कि विद्युत लाइनों के अंडरग्राउंड होने से जहां शहर में बिजली के पोल हटेंगे, वहीं बिजली पोल निर्माण नहीं कराने से भी विभाग की बचत होगी। कई बार निर्माण कार्यों के चलते बिजली की लाइनों को शिफ्ट करना पड़ता था। जिसमें कई बार लागत से ज्यादा खर्च आता था, बिजली के तार अंडरग्राउंड होने से आम लोगों के साथ ही विभाग को भी राहत मिलेगी। तमाम तरह के खर्च बचेंगे, साथ ही इससे शहर का सौंदर्यीकरण भी बढ़ जाएगा।