चम्पावत: उत्तराखंड के चंपावत से एक सुखद खबर सामने आ रहे हैं। यहां पर विलुप्तप्राय सफेद पूंछ वाला गिद्ध बनबसा में नजर आया है।
White Tailed White Vulture in Uttarakhand
सफेद पूंछ वाले गिद्ध जिसको वाइट वल्चर कहा जाता है। वह विलुप्त होने की कगार पर है और बनबसा में उसका देखा जाना एक अच्छा और पॉजिटिव संकेत है। बता दें कि वाइल्डलाइफ विशेषज्ञ एवं फोटोग्राफर ने इसे अपने कैमरे में कैद किया है। इस प्रजाति के गिद्ध को आज से 23 साल पहले इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने विलुप्त श्रेणी की लाल सूची में शामिल कर दिया था और उन्होंने यह चेतावनी दे दी थी कि अगर इसका संरक्षण नहीं किया गया तो यह विलुप्त हो जाएगा।वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि पिछले कुछ वर्षों में इनकी संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली थी। आगे पढ़िए
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इस तस्वीर का श्रेय चंपावत जिले के बनबसा में बीएड कॉलेज निदेशक एवं वाइल्डलाइफ विशेषज्ञ कैलाश थपलियाल और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर अभिनव चंद को जाता है जिन्होंने 4 दिन पहले सफेद पूंछ वाले गिद्ध को देखा था। उत्तराखंड में से आखिरी बार 2000 में देखा गया था और अब 23 साल के बाद इस गिद्ध को देखा जाना यह संकेत है कि अभी इनका अस्तित्व कहीं ना कहीं उत्तराखंड में बचा हुआ है। भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वैज्ञानिक डॉ नवीन चंद्र जोशी बताते हैं कि यह बहुत ऊंचाई पर अपना घोसला बनाते हैं। अभी पाए गए गिद्ध ने 218 मीटर की ऊंचाई पर अपना घोसला बनाया हुआ है और वजन में भी यह भारी होते हैं और उनका वजन लगभग साढ़े 7 से 9 किलो तक होता है। डॉ नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि पिछले कई सालों में इनकी संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है मगर 23 साल के बाद इनका वापस उत्तराखंड में दिखना एक शुभ संकेत है।
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