उत्तराखंड रुद्रप्रयागUttarakhand Char Dham Yatra Guideline for Vehicles

उत्तराखंड चार धाम यात्रा पर वाहन ले जाने वाले ध्यान दें, इन नियमों का पालन करें..वरना होगी कार्रवाई

Uttarakhand Char Dham Yatra Guideline परिवहन विभाग सभी बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और विभागीय दफ्तरों के पास होर्डिंग, बैनर और पोस्टर लगा रहा है, ताकि यात्रा को सुरक्षित बनाया जा सके।

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Image: Uttarakhand Char Dham Yatra Guideline for Vehicles (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: चारधाम यात्रा को लेकर इस बार नए नियम लागू किए गए हैं। यात्रियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। परिवहन विभाग की तैयारी भी पूरी है।

Uttarakhand Char Dham Yatra Guideline

यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए यात्रा के दौरान क्या करें और क्या नहीं करें, इसकी लिस्ट जारी की गई है। सभी बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और विभागीय दफ्तरों के पास होर्डिंग, बैनर और पोस्टर लगाए जा रहे हैं, ताकि तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुरक्षित बनाया जा सके। इन निर्देशों के अनुसार चारधाम यात्रा पर जाने वाले चालकों से कहा गया है कि वे 4225 मिलीमीटर से अधिक व्हील बेस, 250 सेंटीमीटर से अधिक चौड़ाई वाले वाहनों को चारधाम यात्रा पर ना ले जाएं। गाड़ी में फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन उपकरण, लकड़ी का गुटका, रस्सी रखना अनिवार्य होगा। यात्रा से पहले गाड़ियों का ब्रेक, गियर, टायर, स्टीयरिंग की भलीभांति जांच करनी होगी। वाहन सुरक्षित जगह पार्क करना होगा, साथ ही हैंडब्रेक लगाना होगा।

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पहाड़ी रास्तों में आने वाले मोड़ों पर हॉर्न बजाना अनिवार्य होगा। वाहन चालकों से कहा गया है कि वे बसों, टैक्सी का ग्रीन कार्ड हासिल करने के साथ ही यात्रा पर जाएं। लगातार गाड़ियों का संचालन न करें, विश्राम भी करते रहें। गाड़ी में ज्वलनशील पदार्थ जैसे पेट्रोल, डीजल, गैस सिलिंडर न रखें। नशे की हालत में वाहन न चलाएं। यात्रा मार्ग पर गंदगी न फैलाएं। वाहन चलाते वक्त धूम्रपान न करें। यात्रा के दौरान टेप रिकॉर्डर, सीडी प्लेयर, रेडियो का इस्तेमाल कतई ना करें। वाहन संचालन के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें। रात के वक्त वाहन न चलाएं। अनावश्यक बातचीत न करें। घिसे हुए टायरों का इस्तेमाल न करें। यात्रा निर्धारित समय में पूरी करें, जल्दबाजी न करें। वाहन में कूड़ादान भी रखना होगा। चालकों को यात्रा शुरू करते समय और वापसी में यात्रा चेकपोस्ट पर तमाम जानकारियां मुहैया करानी होगी। पर्वतीय इलाकों में मौसम खराब होने, भूस्खलन होने की स्थिति में जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा।