उत्तराखंड रुद्रप्रयागUttarakhand Char Dham Yatra Dustbin Mandatory for Tourist

उत्तराखंड चार धाम यात्रा पर आने से पहले ये नियम जान लें, वरना हो सकती है कार्रवाई

Uttarakhand Char Dham Yatra Guideline केदारनाथ धाम आने वाले यात्रियों को प्रसाद कागज के बैग में देने का निर्णय लिया गया है।

Uttarakhand Char Dham Yatra Guideline: Uttarakhand Char Dham Yatra Dustbin Mandatory for Tourist
Image: Uttarakhand Char Dham Yatra Dustbin Mandatory for Tourist (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: 25 अप्रैल से केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू हो रही है। हर साल की तरह इस बार भी यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह दिख रहा है।

Dustbin Mandatory for Tourist in uttarakhand

इस बार केदारनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों के साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा अगर आप चार धाम यात्रा पर आ रहे हैं, तो अपने साथ गाड़ी में डस्टबिन लेकर जरूर चले। अगर ऐसा नहीं हुई, तो मुश्किल हो सकती है। साथ ही आपका चालान भी कट सकता है। धाम आने वाले यात्रियों को दिए जाने वाले चौलाई के प्रसाद की पैकिंग पॉलिथीन में नहीं की जाएगी। प्रसाद कागज के बैग (ब्राउन वेक्स कोटेड पेपर) में दिया जाएगा। भारतीय पैकेजिंग संस्थान की सलाह पर धाम में मिलने वाला प्रसाद कागज के बैग में देने का निर्णय लिया गया है। शुक्रवार को इस योजना को लेकर डीएम ने भारतीय पैकेजिंग संस्थान और महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ चर्चा की। डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि प्रसाद की बिक्री के लिए व्यापारियों के साथ भी बैठक की जाएगी। यात्रा में जो भी प्रसाद यात्रियों को उपलब्ध कराया जाएगा उसकी दर निर्धारित होगी जिससे पारदर्शिता बनी रहे। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

Uttarakhand Char Dham Yatra Registration

केदारनाथ-बदरीनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी है और अब तक केदारनाथ के लिए एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। रजिस्ट्रेशन शुरू होने के महज 11 दिन में 1.84 लाख श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। इसमें केदारनाथ के लिए 101156 और बदरीनाथ के लिए 82428 श्रद्धालु पंजीकरण कर चुके हैं। चारधाम यात्रा को लेकर कई नए नियम लागू किए गए हैं। यात्रियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है, ताकि भीड़-भाड़ को रोका जा सके, यात्री सुविधाजनक तरीके से दर्शन कर सकें। यात्रा में आने वाले 55 साल से अधिक आयु के श्रद्धालुओं की इस बार अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य जांच भी की जाएगी। अगर कम उम्र का कोई श्रद्धालु अस्वस्थ लगता है तो मेडिकल रिलीफ कैंप में उनके स्वास्थ्य की भी जांच की जाएगी।