उत्तराखंड देहरादूनAllegations of malpractices in UKPSC Junior Assistant exam

उत्तराखंड UKPSC की परीक्षा में फिर से हुई धांधली? बॉबी पंवार ने लगाए गंभीर आरोप

उत्तराखंड में हाल ये है कि अब अगर कोई परीक्षा पूरी पारदर्शिता के साथ भी होती है, तो भी लोगों में शक बना रहता है।

dehradun bobby panwar: Allegations of malpractices in UKPSC Junior Assistant exam
Image: Allegations of malpractices in UKPSC Junior Assistant exam (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में हो रही भर्ती परीक्षाओं में धांधली होना अब बेहद आम सी बात हो गई है। हाल ये है कि अब अगर कोई परीक्षा पूरी पारदर्शिता के साथ भी होती है, तो भी लोगों में शक बना रहता है।

Allegations of malpractices in UKPSC Junior Assistant exam

अफवाहें भी फैलती हैं। इस बार उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की कनिष्ठ सहायक परीक्षा में पेपर के चारों सेट में प्रश्नों के क्रमांक एक समान होने पर विवाद हो रहा है। रविवार को हुई परीक्षा को लेकर बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि प्रश्नों के उत्तरों की श्रृंखला भी समान थी। विशेष व्यक्तियों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया है। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब एक परीक्षा के अलग-अलग पेपर सेट में सवाल नंबर एक से 100 तक समान क्रम में आए हैं। बॉबी पंवार यहीं नहीं रुके, उन्होंने ये तक कह दिया कि कई जगह पर प्रश्न पत्रों की सील टूटी होने के भी साक्ष्य मिले हैं। कई अभ्यर्थियों के प्रश्न पुस्तिका क्रमांक तथा उत्तर पुस्तिका क्रमांक अलग-अलग थे, जो कि हमेशा समान होते हैं।

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बॉबी पंवार बोले कि एक अभ्यर्थी ने उन्हें बताया कि उसके आगे वाली सीट पर बैठे अभ्यर्थी की ऑप्टिकल मार्क रीडर (ओएमआर) की छायाप्रति नहीं थी। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष, सचिव से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की। वहीं पूरे मामले को लेकर आयोग ने भी अपनी बात रखी है। अधिकारियों ने कहा कि कहीं भी अनियमितता या नकल का मामला सामने नहीं आया है। क्रमांक एक समान होने से परीक्षा की शुचिता पर कोई असर नहीं पड़ा। आयोग के सचिव जीएस रावत ने कहा कि प्रश्नपत्र की सीरीज को आधार बनाकर प्रसारित की जा रही सूचनाएं पूर्णत: भ्रामक, निराधार और असत्य हैं। प्रश्नपत्रों की सभी सीरीज में प्रश्नों का क्रमांक एक समान होने से परीक्षा की शुचिता पर कोई फर्क नहीं पड़ता। कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा दो घंटे की थी, जिसमें 100 सवाल पूछे गए थे। किसी भी केंद्र पर अनियमितता या नकल संबंधी शिकायत सामने नहीं आई है।