उत्तराखंड चमोलीSatpal Maharaj became uncomfortable on the question of BJP MLAs

गैरसैंण: प्रश्नकाल में BJP विधायकों ने ही दागे सवाल, असहज हो गई उत्तराखंड की BJP सरकार

बीजेपी विधायकों ने काबीना मंत्री सतपाल महाराज से ऐसे तीखे सवाल पूछे, कि जवाब देने में उन्हें भी पसीने छूट गए। इस दौरान सतपाल महाराज कई बार असहज नजर आए।

uttarakhand budget 15 march: Satpal Maharaj became uncomfortable on the question of BJP MLAs
Image: Satpal Maharaj became uncomfortable on the question of BJP MLAs (Source: Social Media)

चमोली: मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान न सिर्फ विपक्षी बल्कि बीजेपी विधायकों ने भी सरकार की परेशानी बढ़ा दी।

BJP MLA ask question Satpal Maharaj became uncomfortable

बीजेपी विधायकों ने काबीना मंत्री सतपाल महाराज से ऐसे तीखे सवाल पूछे, कि जवाब देने में उन्हें भी पसीने छूट गए। इस दौरान सतपाल महाराज कई बार असहज नजर आए। कई बार तो जानकारी न होने पर उन्होंने विधायकों को व्यक्तिगत रूप से जानकारी मुहैया कराने की बात भी कही, ताकि सवालों को टाला जा सके। बीजेपी विधायकों के सवाल से राज्य सरकार असहज दिखाई दी। प्रश्नकाल के दौरान टिहरी झील में बार्ज के संचालन से जुड़े सवाल पर महाराज से संतोषजनक जवाब न मिलने पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बात को किसी तरह संभाला। विपक्ष से कहीं ज्यादा तीखे सवाल बीजेपी के अपने विधायकों ने दागे। लैंसडौन विधायक दिलीप सिंह रावत ने लैंसडौन में पर्यटन से जुड़े सवाल पूछे। आगे पढ़िए

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उन्होंने कहा कहा कि यहां जो भी कोशिशें हो रही हैं, जनता अपने दम पर कर रही है। क्या सरकार भी लैंसडौन के लिए कुछ कर रही है। तब सतपाल महाराज ने होमस्टे व हयात होटल ग्रुप के प्रस्तावित होटल निर्माण समेत कुछ योजनाओं का ब्यौरा पेश करते हुए बात संभालने की कोशिश की, लेकिन दिलीप सिंह रावत संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद बारी थी राजपुर विधायक खजान दास की। उन्होंने चंदरनगर में बरसाती नाले को कवर करने का मुद्दा रखा। इस विषय पर प्रीतम सिंह और विनोद चमोली ने भी चिंता जताते हुए सुझाव दिए। अपने सवाल का जवाब न मिलने पर खजान दास ने पूछ कि क्या चंदरनगर नाला आच्छादित किया जाएगा, या नहीं। तब सतपाल महाराज बोले की जरूर किया जाएगा। बीजेपी विधायकों के हमलावर रुख से मंत्री सतपाल महाराज कई बार असहज दिखे। अन्य मंत्रियों को सरकार का बचाव करना पड़ा। सूचना न होने पर इस बार भी महाराज ने कई विधायकों को कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से उन्हें सूचना उपलब्ध करवा देंगे।