उत्तराखंड रामनगरuttarakhand ramnagar rani elephant is heir of 5 crores

उत्तराखंड: 5 करोड़ की संपत्ति का वारिस है ये हाथी, 2 साल पहले हो चुकी है मालिक की मौत

5 करोड़ की संपत्ति की वारिस है उत्तराखंड की हाथी रानी, मालिक की 2 साल पहले हो चुकी है हत्या

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Image: uttarakhand ramnagar rani elephant is heir of 5 crores (Source: Social Media)

रामनगर: हाथी और मनुष्य के बीच में कितना गहरा और परस्पर संबंध है यह तो आपने एलीफेंट व्हिस्पर्स नामक एक डॉक्यूमेंट्री देखकर समझ ले लिया होगा जिसने हाल ही में ऑस्कर अवार्ड जीतकर भारत का नाम ऊंचा किया है।

Rani elephant is heir of 5 crores

कुछ ऐसा ही उत्तराखंड में भी देखने को मिला है। ऐसा ही मिलता-जुलता रिश्ता उत्तराखंड के अख्तर और उनके दो हाथियों रानी और मोती के बीच देखा जा सकता है। अख्तर ने अपने दो हाथियों के नाम 5 करोड़ की संपत्ति कर रखी है। वे शायद देश के पहले ऐसे शख्स जिन्होंने अपने हाथियों के नाम 5 करोड़ की संपत्ति की है। मगर बदकिस्मती से अख्तर के 2 साल पहले हत्या कर दी गई थी। मगर जब वे जीवित थे तब अख्तर को यह चिंता थी कि उनके न रहने के बाद उनकी हाथियों की देखभाल करने वाला कोई नहीं रहेगा, इसलिए अख्तर ने उन्हें 5 करोड़ की संपत्ति का वारिस बना दिया। उनकी 28 वर्षीय हाथी रानी अख्तर की संपत्ति की एकमात्र वारिस है, क्योंकि उसके साथी मोती की 35 वर्ष की आयु में कुछ महीने पहले मौत हो चुकी है। उन्होंने कुछ वर्षों पहले वीडियो में कहा था हाथियों के साथ में बहुत बुरा व्यवहार किया जाता है जब तक उनके मालिक जिंदा रहते हैं तब तक तो वह हाथियों का ख्याल रखते हैं मगर जैसे ही उनके मालिक मर जाते हैं तो हाथी बेसहारा हो जाते हैं और उनके पास रहने और खाने का ठिकाना नहीं होता। आगे पढ़िए

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उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि मेरे हाथियों के साथ ऐसा हो और इसलिए मैंने अपनी संपत्ति उनके नाम कर दी है। वे मेरे परिवार के सदस्यों की तरह हैं। मगर 2021 में अख्तर की कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद उनकी संपत्ति के मालिक उनके दोनों हाथी हो गए थे।अख्तर के एशियन एलिफेंट रिहैबिलिटेशन एंड वाइल्डलाइफ एनिमल ट्रस्ट फाउंडेशन के तहत रामनगर में हाथियों की देखभाल करने वाले वन्यजीव संरक्षणवादी इमरान खान ने बताया कि अख्तर इमाम स्वतंत्र भारत में संभवत: पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने अपनी संपत्ति हाथियों के नाम की। इमाम ने अपने हाथियों की देखभाल के लिए ट्रस्ट भी बनाई थी। वहीं उनकी संपत्ति की इकलौती वारिस रानी इस समय रामनगर में है और संपत्ति पटना में है। अख्तर 2020 में अपने हाथियों को बिहार से उत्तराखंड के रामनगर में लाए थे, जब पहली बार कोविड-19 प्रतिबंध हटाए गए थे। उन्हें संदेह था कि उनकी जान को खतरा है और उनका संदेह सच निकला और नवंबर 2021 में कथित तौर पर उनकी हत्या कर दी गई। उनकी हत्या के कुछ महीनों के बाद ही उनके 35 वर्षीय हाथी मोती की भी मृत्यु हो गई जिसके बाद रानी अख्तर के 5 करोड़ की संपत्ति की अकेली वारिस है