उत्तराखंड रुद्रप्रयागhealth benefit of buransh flower uttarakhand

देवभूमि का अमृत: कैंसर और दिल की बीमारियों का बेजोड़ इलाज है बुरांश..जानिए इसके फायदे

बुरांश का वृक्ष न सिर्फ सुंदरता बल्कि अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है, यही वजह है कि बुरांश को उत्तराखंड के राज्य वृक्ष का दर्जा दिया गया है।

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Image: health benefit of buransh flower uttarakhand (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: बुरांश....उत्तराखंड का राज्य वृक्ष। पर्वतीय इलाकों में जंगल आजकल बुरांश के फूलों से लद गए हैं। जिसने पर्वतों की सुंदरता पर चार चांद लगा दिए हैं।

Health benefit of buransh flower

चमोली जिले में भी बुरांश के फूल अपनी लालिमा बिखेर रहे हैं। आमतौर पर लोगों ने लाल बुरांश देखे हैं, लेकिन अब पर्वतीय इलाकों में गुलाबी और सफेद बुरांश भी नजर आने लगे हैं। बुरांश का वृक्ष न सिर्फ सुंदरता बल्कि अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है, यही वजह है कि बुरांश को उत्तराखंड के राज्य वृक्ष का दर्जा दिया गया है। नेपाल ने इसे अपना राष्ट्रीय पुष्प बनाया है। चलिए आपको बुरांश के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताते हैं। बुरांश का सामान्य वैज्ञानिक नाम रोडोडेंड्रोन आर्बोरियम है। यह अफ्रीका के जंगलों और दक्षिणी अमेरिका को छोड़कर विश्व के सभी नमी युक्त क्षेत्रों में पाया जाता है। बुरांश की लगभग 1025 प्रजातियां सिर्फ एशिया में पाई जाती हैं।

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बुरांश का फूल उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि भूटान, चीन, नेपाल, पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका में भी पाया जाता है। इसकी 93 प्रतिशत प्रजातियां केवल हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाती है। आयुर्वेदिक पद्धति की मशहूर दवा अशोकारिष्ट में भी बुरांश का प्रयोग किया जाता है। कर्णप्रयाग के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर इंद्रेश पांडेय कहते हैं कि बुरांश में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी डायबिटिक, एंटी डायरिल और हिपेटोप्रोटिक्टिव एक्टिविटी होती है। आयरन की कमी, हीमोग्लोबिन बढ़ाने और हृदय संबंधी रोगों के उपचार में इसका इस्तेमाल होता है। दिल संबंधी बीमारियों के साथ ही कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की दवा बनाने में भी बुरांश का इस्तेमाल किया जाता है। उत्तराखंड में बुरांश के पेड़ 1500 से 3600 मीटर ऊंचाई तक पाए जाते हैं। राज्य में इसके फूल से जूस समेत कई उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जिससे यहां के लोगों को रोजगार भी मिला है।