उत्तराखंड चमोलीuttarakhand minister rekha arya statement on mansi negi

मानसी नेगी ने नौकरी मांगी तो खेलमंत्री ने दी सफाई…उसमें भी निकला झोल

मानसी mansi negi की बात को खेल विभाग ने दिल पर ले लिया। मामला इतना बढ़ा कि खेल मंत्री को डॉक्यूमेंट्स के साथ मैदान में आना पड़ा।

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Image: uttarakhand minister rekha arya statement on mansi negi (Source: Social Media)

चमोली: एथलीट मानसी नेगी और खेल विभाग के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है।

Minister rekha arya statement on mansi negi

दरअसल मानसी नेगी को जॉब की जरूरत है। उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी थी। कहा था कि खेल विभाग को खिलाड़ियों के लिए स्पोर्ट्स कोटा में जॉब निर्धारित करनी चाहिए। मानसी की बात को खेल विभाग ने दिल पर ले लिया। मामला इतना बढ़ा कि खेल मंत्री को डॉक्यूमेंट्स के साथ मैदान में आना पड़ा। खेलमंत्री रेखा आर्य ने फेसबुक पर लिखा कि मानसी को 3 अक्टूबर 2017 से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में चयनित किया गया है और तभी से उन्हें सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने दो दस्तावेजों की फोटो भी चस्पा की है, हालांकि मानसी नेगी ने इन दावों को झूठा बताया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि साल 2018 में उन्होंने नेशनल मेडल जीता, तब कहीं जाकर सरकार ने उनकी सुध ली।

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वह अक्टूबर 2019 से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आई हैं। अब सवाल ये है कि खेल विभाग ने मानसी को 2 साल पहले ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में क्यों दिखाया है? खेलमंत्री का दावा है कि मानसी को 2018 से अब तक मेडल के लिए 2 लाख 35 हजार की राशि दी गई है। मानसी कहती हैं कि बेशक सरकार ने उन्हें यह राशि दी है, लेकिन इस तरह सोशल मीडिया पर पोस्ट कर के एथलीट का मनोबल गिराना सही नहीं है। कंपटीशन की तैयारी में वक्त और संसाधन दोनों लगते हैं। आने-जाने के लिए टिकट और दूसरी कई चीजों का प्रबंध करना पड़ता है, लेकिन बिल का भुगतान होने में कई बार साल-दो साल लग जाते हैं। मानसी कहती हैं कि उन्हें अपने परिवार की जिम्मेदारियां उठाने के लिए जॉब की जरूरत है। मुख्यमंत्री धामी ने भी कहा था कि स्पोर्ट्स कोटा के तहत सभी एथलीट को जॉब दी जाएगी, लेकिन न तो उन्हें जॉब मिली और न ही सरकार ने कैश रिवॉर्ड देने का वादा ही निभाया।