उत्तराखंड देहरादूनMaking map of house in Uttarakhand made easy

उत्तराखंड में अब घर बैठे बनवाएं मकान का नक्शा, नहीं लगाने पड़ेंगे ऑफिसों के चक्कर

अभी तक आवासीय भवनों का नक्शा पास करने का अधिकार प्राधिकरण के पास था, जिसमें लंबी प्रक्रिया की वजह से काफी समय लग रहा था।

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Image: Making map of house in Uttarakhand made easy (Source: Social Media)

देहरादून: राज्य सरकार ने उत्तराखंड के लोगों की एक बड़ी समस्या का समाधान कर दिया है।

Making map of house in Uttarakhand

अब घर का नक्शा पास कराने के लिए प्राधिकरण के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। प्रदेश के मास्टर प्लान क्षेत्रों के आवासीय भवनों का नक्शा अब आर्किटेक्ट के स्तर से ही मंजूर हो जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में आवास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। जिसके बाद भवन का नक्शा पास कराने के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया है। शराब पर एक्साइज ड्यूटी भी 20 प्रतिशत तक कम की गई है। इससे शराब के कई ब्रांड सस्ते हो जाएंगे। सोमवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सचिवालय मीडिया सेंटर में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने बताया कि कैबिनेट ने मास्टर प्लान क्षेत्रों में नक्शे पास करने का अधिकार आर्किटेक्ट को दे दिया है। अभी तक आवासीय भवनों का नक्शा पास करने का अधिकार प्राधिकरण के पास था, जिसमें लंबी प्रक्रिया की वजह से काफी समय लग रहा था।

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इस समस्या को देखते हुए आवास विभाग की ओर से नया प्रस्ताव तैयार किया गया, जिसे मंजूरी मिल गई है। आपको बता दें कि प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों का नक्शा पास कराने के लिए पहले ही सेल्फ सर्टिफिकेशन प्रणाली लागू है। अब आवासीय भवनों के लिए भी ये सुविधा लागू की जाएगी। लोग किसी भी पंजीकृत आर्किटेक्ट से नक्शा मंजूर करा सकेंगे। प्राधिकरण सिर्फ लैंड यूज और शुल्क की जांच करेगा। आर्किटेक्ट की एक बड़ी चिंता का भी समाधान कर दिया गया है। अब अगर कोई अवैध निर्माण करता है तो उसका जिम्मेदार भूस्वामी को बनाया गया है। बता दें कि आवास विभाग ने पूर्व में भी सेल्फ सर्टिफिकेशन व्यवस्था लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन इसमें नियम विरुद्ध हुए निर्माण के लिए आर्किटेक्ट को जिम्मेदार बनाया गया था। इससे आर्किटेक्ट चिंतित थे। अब आवास विभाग के मुताबिक स्वीकृत नक्शे के विपरीत हुए निर्माण के लिए भवन स्वामी जिम्मेदार माने जाएंगे।