देहरादून: देहरादून के राजधानी बनने के बाद यहां वाहनों का दबाव बढ़ा है। आबादी और वाहन बढ़े हैं, लेकिन संसाधन सीमित हैं, जिस वजह से जगह-जगह ट्रैफिक जाम लगने की समस्या बेहद आम हो गई है।
Dehradun delhi expressway latest update
आने वाले वक्त में ये समस्या और बढ़ेगी। वो इसलिए क्योंकि एक्सप्रेस-वे बनने के बाद देहरादून-दिल्ली की दूरी घट जाएगी। वाहन 100-125 की रफ्तार से दौड़ते हुए देहरादून तो पहुंच जाएंगे, लेकिन आशारोड़ी पहुंचते ही उन्हें बॉटल नेक में फंसकर रेंगते हुए आगे बढ़ना होगा। इस तरह वीकेंड पर दून-मसूरी घूमने आने वालों को जितना समय दिल्ली से देहरादून पहुंचने में लगेगा, उतना ही वक्त सहस्त्रधारा की 20 से 30 किलोमीटर की दूरी तय करने में लग जाएगा। इस समस्या के समाधान के लिए रिंग रोड बनाने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से परियोजना का खाका प्रस्तुत नहीं किया गया है। देहरादून में बीते सालों में वाहनों की संख्या बढ़ी है, लेकिन सड़कों की चौड़ाई कम होती गई। शहर की ऐसी कोई सड़क नहीं जहां जाम न लगता हो। वीकेंड पर दून-मसूरी रोड समेत तमाम सड़कों पर लगे जाम से शहर हांफने लगता है। आगे पढ़िए
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ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि एक्सप्रेस-वे बनने के बाद यूपी, हरियाणा और दिल्ली से आने वाले वाहनों का दबाव सड़कें कैसे झेलेंगी। वर्तमान में दिल्ली से देहरादून की दूरी करीब 235 किमी है, जो एक्सप्रेस-वे बनने के बाद घटकर 210 रह जाएगी। तब दिल्ली से दून पहुंचने में 6 घंटे नहीं सिर्फ ढाई घंटे लगेंगे। नया एक्सप्रेस-वे गाजियाबाद, बागपत, बड़ौत, शामली और सहारनपुर से भी होकर आएगा। ऐसे में तीन राज्यों के लोगों को दून के पर्यटन स्थलों तक पहुंचने के दौरान भारी जाम से जूझना पड़ेगा। बता दें कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का निर्माण तीन चरणों में हो रहा है। इसके तहत पहले चरण में दिल्ली के अक्षरधाम से प्रस्तावित ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे (ईपीई) जंक्शन के बीच 32 किलोमीटर लंबा 12 लेन का स्ट्रेच हाईवे, दूसरे चरण में दिल्ली में ईपीई जंक्शन से लेकर सहारनपुर बाईपास के पास गणेशपुर तक व तीसरे चरण में गणेशपुर से लेकर देहरादून के आशारोड़ी तक निर्माण कार्य किया जाएगा। 210 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे के पूर्ण होने से कई राज्यों के बीच की दूरी कम होगी, उद्योगों को भी रफ्तार मिलेगी।