उत्तराखंड देहरादूनThere will be no new construction in these areas of Dehradun

अब देहरादून के इन इलाकों में नहीं होंगे नए निर्माण, जारी हुई गाइडलाइन..आप भी पढ़िए

डिजिटल मास्टर प्लान के तहत कुछ क्षेत्रों में सड़कों की न्यूनतम चौड़ाई तय की गई है तो कुछ में नए निर्माण पर रोक लगाई गई है।

Dehradun Property News: There will be no new construction in these areas of Dehradun
Image: There will be no new construction in these areas of Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: राजधानी देहरादून में नियोजित निर्माण की दिशा में काम शुरू हो गया है।

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साल 2041 तक के डिजिटल मास्टर प्लान में कई आवासीय क्षेत्रों में बसावट को लेकर कई नियम बनाए गए हैं। कुछ क्षेत्रों में सड़कों की न्यूनतम चौड़ाई तय की गई है तो कुछ में नए निर्माण पर रोक लगाई गई है। पूरी डिटेल के लिए राज्य समीक्षा के साथ बने रहें। डिजिटल मास्टर प्लान में की गई व्यवस्था के मुताबिक घनी आबादी वाले क्षेत्रों में 21 तरह के निर्माण एमडीडीए सीधे पास कर सकेगा। वहीं, 14 तरह के निर्माण के लिए एमडीडीए बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ेगी। डिजिटल मास्टर प्लान के ड्राफ्ट के तहत पहली बार किफायती आवासीय जोन तय किए गए हैं। प्रमुख रूप से ऐसे जोन हरभजवाला, ईस्टहोप टाउन, पेलियो आदि क्षेत्रों में तय किए गए हैं। यहां अधिकतम चार मंजिला भवन खड़े किए जा सकेंगे। ऐसे क्षेत्र में निजी घर बनाने की सीधे अनुमति नहीं होगी, बल्कि एमडीडीए बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ेगी। घनी आबादी वाले रिहायशी क्षेत्रों को आर-1 श्रेणी में रखा गया है।

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यहां नए स्कूल और हॉस्टल नहीं बनाए जा सकते। हालांकि जो स्कूल-हॉस्टल पहले से बने हैं या जिन्हें पूर्व में स्वीकृति मिल चुकी है, उनका निर्माण किया जा सकता है। यहां भवनों की अधिकतम ऊंचाई ग्राउंड व दो मंजिल होगी। दुग्ध कलेक्शन सेंटर, क्लिनिक-डिस्पेंसरी, सरकारी दफ्तर और घरेलू उद्योग संबंधी निर्माण पर कुछ प्रतिबंध के साथ अनुमति दी गई है। जैसे दुग्ध कलेक्शन सेंटर के लिए न्यूनतम 18 मीटर चौड़ी सड़क जरूरी है। जबकि क्लिनिक-डिस्पेंसरी का निर्माण अधिकतम 45 वर्गमीटर प्लाट पर ही किया जा सकता है। निजी घर, सरकारी आवासीय योजना, सरकारी आवास, रीटेल शॉप, डेली नीड्स शॉप, सेवा संबंधी उद्योग, आंगनबाड़ी केंद्र, एटीएम, पुलिस बूथ शौचालय और धार्मिक प्रतिष्ठान जैसे निर्माणों को सीधे अनुमति दी जाएगी। घनी आबादी वाले इलाकों में सामुदायिक केंद्र, मल्टीस्टोरी पार्किंग, अनाथाश्रम, कांप्लेक्स, जिम, बस स्टॉप आदि बनाने के लिए एमडीडीए बोर्ड की अनुमति लेनी होगी। खुले रिहायशी क्षेत्र आर-2 कैटेगरी में रखे गए हैं। यहां शॉपिंग माल, मल्टीप्लेक्स, पेट्रोल पंप, कॉलेज, स्टेडियम, होटल/लॉज, बड़े हॉस्टल, हॉस्पिटल/नर्सिंग होम, धर्मशाला, गोल्फ कोर्स/रेस कोर्स आदि बनाने के लिए बोर्ड से अनुमति लेनी होगी। जबकि प्लाटिंग, ग्रुप हाउसिंग, टाउनशिप, हॉस्टल, स्कूल, फायर स्टेशन, मनोरंजन सदन आदि के निर्माण को सीधी अनुमति दी जाएगी।