उत्तराखंड रुद्रप्रयागKedarnath helicopter ticket booking rule change

केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग के नियम बदले, अब नहीं हो पाएगी टिकट्स की दलाली

पिछले साल दलालों ने अलग-अलग नामों से टिकट बुक कर इन्हें मनमाने दामों पर बेचा था, इस बार इनका धंधा बंद होने वाला है।

Kedarnath helicopter ticket booking: Kedarnath helicopter ticket booking rule change
Image: Kedarnath helicopter ticket booking rule change (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: हेली सेवाओं ने केदारनाथ यात्रा को सुगम बनाया है। बीते साल हेली सेवा के टिकटों के लिए 20 से 30 दिन की वेटिंग रही, ऐसे में धोखाधड़ी और कालाबाजारी के मामले भी सामने आए।

Kedarnath helicopter ticket booking rule change

इस साल ऐसा न होने पाए, इसके लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास परिषद (यूकाडा) खास इंतजाम करने जा रहा है। इसके लिए हेली टिकटों पर क्यूआर कोड अथवा बारकोड लगाए जाएंगे। इस कोड में उस यात्री की पहचान होगी, जिसके नाम पर टिकट बुक कराया गया है। इसी के आधार पर यात्री हेलीकॉप्टर सेवा का लाभ ले सकेंगे। यूकाडा के इस कदम से टिकटों की कालाबारी पर अंकुश लगा पाना संभव होगा। बीते साल सवा लाख से ज्यादा लोगों ने केदारनाथ के लिए हेली सेवा का इस्तेमाल किया था। इस दौरान दलालों ने अलग-अलग नामों से टिकट बुक कर इन्हें मनमाने दामों पर बेचा था, ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकटों के नाम पर खूब धोखाधड़ी हुई। इस बार ऐसा नहीं हो सकेगा। यूकाडा ने इस वर्ष हेली सेवाओं की शत-प्रतिशत बुकिंग ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है।

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इसकी जिम्मेदारी इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन को दी गई है। आईआरसीटीसी 100 प्रतिशत बुकिंग ऑनलाइन करेगा। इसमें 70 प्रतिशत बुकिंग एडवांस और 30 प्रतिशत बुकिंग तत्काल के रूप में होगी। टिकटों में क्यूआर कोड कैसे बनेगा, ये भी बताते हैं। जिस यात्री के नाम पर टिकट होगा, उस यात्री की पहचान का अधिकारिक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड अथवा लाइसेंस आदि का नंबर टिकट में क्यूआर कोड में डाला जाएगा। जब यात्री टिकट लेकर हेलीकाप्टर में बैठने जाएगा, तो टिकट को स्कैन कर यह नंबर देखा जाएगा। साथ ही इस दस्तावेज को यात्री मौके पर भी दिखाएगा। पहचान सुनिश्चित होने के बाद ही उसे हेलीकॉप्टर में बैठने दिया जाएगा। सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर ने कहा कि टिकटों में क्यू आर कोड अथवा बारकोड बनाने के लिए आइआरसीटीसी को कहा गया है। इससे टिकटों की धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी।