उत्तराखंड टिहरी गढ़वालDehradun to Tehri Garhwal double lane tunnel

देहरादून से टिहरी को जोड़ेगी हाईटेक डबल लेन टनल, सिर्फ 30 मिनट में पूरा हो जाएगा सफर

वर्तमान में दून से टिहरी की दूरी सौ किलोमीटर है। सुरंग बनने के बाद यह दूरी घटकर 37 किलोमीटर रह जाएगी।

Dehradun Tehri Double Lane Tunnel: Dehradun to Tehri Garhwal double lane tunnel
Image: Dehradun to Tehri Garhwal double lane tunnel (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: राजधानी देहरादून से टिहरी का सफर सुखद होने वाला है।

Dehradun to Tehri double lane tunnel

दोनों शहरों के बीच दूरी घटाने के लिए सुरंग का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में दून से टिहरी की दूरी सौ किलोमीटर है। सुरंग बनने के बाद यह दूरी घटकर 37 किलोमीटर रह जाएगी। ऐसा होने पर लोग सिर्फ एक घंटे में दून से टिहरी पहुंच सकेंगे। परियोजना पर साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान लगाया गया है। सुरंग बन जाने से टिहरी में पर्यटन को पंख लगेंगे। पर्यटकों को नया पर्यटन डेस्टिनेशन मिलेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की ओर से परियोजना की एलाइनमेंट (संरेखण) रिपोर्ट केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) को सौंप दी गई है। इसके साथ ही फिजिबिलिटी और जिओलॉजिकल स्टडी पर भी काम शुरू कर दिया गया है। दोनों शहरों के बीच सुरंग की शुरुआत रानीपोखरी में स्थित मनसा देवी मंदिर के पास से की जाएगी। इससे आगे यह टुकड़ों में आगे बढ़ेगी।

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इसमें चार से पांच किमी लंबाई की कुल चार से पांच सुरंगें बनाई जाएंगी। इनकी कुल लंबाई करीब 18 से 20 किमी होगी। कुछ जगहों पर ब्रिज बनाए जाएंगे, साथ ही दो किमी लंबी एक एलीवेटेड रोड भी बनाई जाएगी। सुरंग के बनने से टिहरी झील नए वीकेंड डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित होगी। अभी आमतौर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा से आने वाले और स्थानीय लोग मसूरी, ऋषिकेश, हरिद्वार का रुख करते हैं। देहरादून-टिहरी टनल बन जाने से वो आसानी से टिहरी झील तक पहुंच सकेंगे। यहां वाटर स्पोर्ट्स का मजा ले सकेंगे। बीते दिनों डीआईटी यूनिवर्सिटी में टनल टेक्नोलॉजी पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में भी इस परियोजना पर चर्चा हुई थी। इस दौरान ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर काम कर रही एलटी लॉक कंपनी के सुरंग विशेषज्ञ श्वेताभ सिंह ने बताया कि यह मेगा प्रोजेक्ट उत्तराखंड में मील का पत्थर साबित होगा। इस परियोजना के सफलता से पूरा होने के बाद इसी तरह के दूसरे प्रोजेक्ट की राह आसान होगी।