उत्तराखंड रुद्रप्रयागofficer beheaded by helicopter fan in kedarnath

केदारनाथ: हेलीकॉप्टर के शोर में नहीं सुनी दोस्तों की आवाज, पंखे से कटा सिर..मौके पर हुई मौत

धाम के दौरे पर आए वित्त नियंत्रक अमित सैनी सभी कर्मचारियों से गर्मजोशी से मिले, उनका हौसला बढ़ाया, लेकिन किसे पता था कि यह उनका आखिरी केदारनाथ दौरा होगा।

Kedarnath helicopter amit saini death: officer beheaded by helicopter fan in kedarnath
Image: officer beheaded by helicopter fan in kedarnath (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ...प्रदेश के चारधामों में से प्रमुख धाम। 25 अप्रैल से केदारनाथ यात्रा शुरू होनी है।

officer death by helicopter fan in kedarnath

इसके मद्देनजर रविवार को यूकाडा की टीम धाम आई हुई थी, ताकि हेली सेवाओं की तैयारियों का जायजा लिया जा सके। निरीक्षण करने के बाद टीम वापस लौटने लगी कि तभी एक ऐसा हादसा हो गया, जिसने हर किसी को गमगीन कर दिया। दरअसल हेलिकॉप्टर में बैठते समय हेलिकॉप्टर के पीछे वाले पंखे की चपेट में आने से यूकाडा के अधिकारी की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद केदारनाथ धाम में मातम पसर गया। दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाले अमित सैनी यूकाडा में वित्त नियंत्रक के पद पर तैनात थे। चश्मदीदों ने बताया कि हादसे को देखकर ऐसा लगा मानों उनके लिए मौत का फरमान आया था। जीएमवीएन के क्षेत्रीय प्रबंधक सुदर्शन सिंह खत्री ने बताया कि दोपहर पौने दो बजे पर्यटन सचिव रवि शंकर, जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे और वित्त नियंत्रक अमित सैनी केदारनाथ पहुंचे थे। उन्होंने यहां तैयारियों का जायजा लिया। अमित सैनी ने सभी कर्मचारियों का हौसला बढ़ाया। धाम से लौटते वक्त वो दो बार पीछे मुड़कर जीएमवीएन कर्मचारियों से भी मिले, लेकिन किसे पता था कि यह उनका आखिरी केदारनाथ दौरा होगा। आगे पढ़िए

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सभी अधिकारी वापसी के लिए हेलीपैड की तरफ आए और हेलिकॉप्टर की तरफ आगे बढ़ गए। लेकिन अमित सैनी अचानक हेलिकॉप्टर के पीछे की ओर जाने लगे। कई लोगों ने उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा, लेकिन हेलिकॉप्टर के शोर के बीच वो सुन नहीं पाए और हादसे का शिकार हो गए। अधिकारी अमित सैनी एक जोशीले और हंसमुख इंसान थे। बता दें कि साल 2010 में भी केदारनाथ में हेलिपैड पर एक युवक की हेलिकॉप्टर के पंखे की चपेट में आने से मौत हो गई थी। साल 2013 में भी एक निजी कंपनी का हेलिकॉप्टर क्रैश होने से पायलट की जान चली गई थी। इसी साल 25 जून को सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर केदारनाथ से वापसी में गौरीकुंड की पहाड़ी से टकरा गया था, जिसमें 20 सैन्य अधिकारियों व जवानों की मौत हो गई थी। बीते वर्ष 18 अक्टूबर को केदारनाथ से लौटते समय निजी कंपनी का हेलिकॉप्टर गरुड़चट्टी के समीप क्रैश हुआ, जिसमें पायलट समेत सात लोगों की जान चली गई थी। अब, यात्रा शुरू होने से दो दिन पहले हुए दर्दनाक हादसे ने पुरानी यादें फिर से ताजा कर दी हैं।