उत्तराखंड देहरादूनDehradun 4 55 crore property fraud Congress leader Vijay Saraswat

देहरादून में जमीन बेचने के नाम पर 4.55 करोड़ की धोखेबाजी, कांग्रेस नेता का नाम सामने आया

जमीन की डील 11.50 करोड़ में तय हुई। 4.55 करोड़ रुपये आरोपियों को दे दिए गए थे, लेकिन बाद में पता चला कि जमीन किसी और की है।

Dehradun 4.55 crore property fraud: Dehradun 4 55 crore property fraud Congress leader Vijay Saraswat
Image: Dehradun 4 55 crore property fraud Congress leader Vijay Saraswat (Source: Social Media)

देहरादून: देहरादून में जमीन की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़े के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

4.55 crore property fraud in Dehradun

ऐसे ही एक मामले में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव विजय सारस्वत का नाम आया है। मामला जमीन को लेकर 4.55 करोड़ की जालसाजी से जुड़ा है। जिसमें विजय सारस्वत और वकील वीरेंद्र सहगल समेत 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। एक आरोपी की गिरफ्तारी भी हुई है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। यह जानकारी एसएसपी देहरादून दिलीप सिंह कुंवर ने दी। उन्होंने बताया कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक शख्स ने 4.55 करोड़ की जालसाजी कर डाली, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी के बैंक खाते से 30 लाख रुपये मिले, खाते को सील कर दिया गया है। जिस जमीन के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी हुई, वो पहले भी विवादों में रही है। इस जमीन को कई बार बेचा गया। धोखाधड़ी के मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। भूमाफिया कब्जे की नीयत से इस जमीन के फर्जी दस्तावेज भी बना चुके हैं। बीते 17 मई को पौड़ी जिले के लक्ष्मणझूला निवासी अशोक अग्रवाल ने भी अपनी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनके दो परिचितों विजय कुमार गुप्ता और राधावल्लभ गुप्ता ने उन्हें सहारनपुर रोड, क्लेमेंटाउन में एक जमीन दिखाई थी। जमीन की डील 11.50 करोड़ में तय हुई। 1 दिसंबर 2022 को बयाने के तौर पर 25 लाख रुपये समीर कामयाब के खाते में ट्रांसफर किए गए। आगे पढ़िए

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5 लाख रुपये नगद दिए गए। उस वक्त कहा गया कि संपत्ति फातिमा बेगम के नाम पर है और समीर कामयाब फातिमा का बेटा है। वकील वीरेंद्र सहगल ने भी कहा कि जमीन सही है, खरीद लो। भरोसा कर पीड़ित ने समीर कामयाब के खाते में 2 करोड़ 40 लाख और विजय सारस्वत और रोहित पांडे को 1 करोड़ 85 लाख रुपये दे दिए। बाकी की रकम कब्जे के बाद दी जानी थी, लेकिन आरोपी जमीन पर कब्जा देने में आनाकानी करने लगे। अशोक अग्रवाल ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि जमीन पहले से विवादित है, और डीके मित्तल की है। खुद को मालिक बताने वाले समीर कामयाब के खिलाफ पहले भी फर्जी कागजात तैयार कर लोगों से पैसे हड़पने के आरोप लगे हैं। उस पर कई केस भी चल रहे हैं। जिसके बाद पीड़ित ने क्लेमेंटाउन थाने में केस दर्ज कराया। इस मामले में समीर कामयाब को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिस जमीन को लेकर पूरा खेल रचा गया, वो क्लेमेंटाउन निवासी डीके मित्तल की है। साल 2021 में उनकी पत्नी सुशीला मित्तल की कोरोना से मौत हो गई थी। कोई वारिस न होने के चलते आरोपियों ने जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर इसे बेचने की साजिश रची। इस मामले में 2021 में बाबर हुमायूं नाम के एक आरोपी की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। उसके खिलाफ संपत्ति मालिक डीके मित्तल ने केस दर्ज कराया था।