उत्तराखंड उधमसिंह नगरConversion of poor families in Udham Singh Nagar for Rs 10 lakh

उत्तराखंड में धर्मांतरण का खेल, गरीब परिवारों को दिया गया 10-10 लाख का लालच

गरीब तबके के लोगों का ब्रेन वॉश कर उन्हें एक शिक्षा केंद्र में बुलाया गया था। जहां उन्हें दस-दस लाख रुपये देने का लालच देकर धर्म बदलने को कहा जा रहा था।

Udham Singh Nagar Conversion: Conversion of poor families in Udham Singh Nagar for Rs 10 lakh
Image: Conversion of poor families in Udham Singh Nagar for Rs 10 lakh (Source: Social Media)

उधमसिंह नगर: उत्तराखंड में धर्मांतरण का खेल किस कदर तक अपनी जड़ें जमाता जा रहा है, इसकी एक बानगी ऊधमसिंहनगर के किच्छा में देखने को मिली।

Conversion of poor families in Udham Singh Nagar

यहां बंगाली कॉलोनी आजादनगर में गरीब लोगों का मतांतरण किया जा रहा था। गरीब तबके के लोगों का ब्रेन वॉश कर उन्हें एक शिक्षा केंद्र में बुलाया गया। पिछले तीन दिन से यहां पर 40 के करीब युवा व बुजुर्ग बुलाए गए थे। उनके लिए नॉनवेज की व्यवस्था की गई थी। ये भी पता चला है कि 40 के करीब लोगों को दस लाख रुपये प्रति परिवार देने की बात तय हुई थी। तीन दिन से चल रहे खेल का पता बुधवार को चला। बीजेपी के मंडल अध्यक्ष मनमोहन सक्सेना की अगुवाई में टीम वहां पहुंची तो मौके पर दो यूएसए के नागरिकों सहित तीन लोग केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते मिले। यूएसए से आए नागरिकों ने हिंदी न आने की वजह से बरेली के एक छात्र को द्विभाषिए के रूप में रखा था। बीजेपी नेता और उनकी टीम मौके पर पहुंची तो यूसएए के नागरिकों को वाहन मंगवाकर वहां से बाहर भेज दिया गया। आगे पढ़िए

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पुलिस और आईबी ने बाद में एक चाचा-भतीजे से मामले की जानकारी ली। जांच में पता चला कि बरेली निवासी युवक बंगाल में चर्च के फादर के साथ रहा था। उसकी मौत के बाद युवक ने बंगाल में एक एनजीओ रजिस्टर्ड कराया और बंगाली कॉलोनी आजादनगर में आकर शिक्षा केंद्र संचालित करने लगा। जहां लोगों को मतांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि इसी सिलसिले में यूएसए के नागरिक दो दिनों से स्थानीय होटल में रुके हुए थे। हंगामा बढ़ने पर ये लोग वहां से निकल गए। फिलहाल खुफिया एजेंसियां एनजीओ संचालक व उसके द्विभाषीय भतीजे से पूछताछ कर रही हैं। बीजेपी मंडल अध्यक्ष मनमोहन सक्सेना ने पूरे मामले को लेकर पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सूचना देने के बाद भी पुलिस आधे घंटे में मौके पर पहुंची, जबकि दरऊ चौकी मौके से मात्र पांच से दस मिनट की दूरी पर है। अगर पुलिस समय पर पहुंचती तो यूएसए के नागरिक भी पुलिस के हाथ लग जाते।