उत्तराखंड रुद्रप्रयागKedarnath 16th June 2013 Story

16 जून: जब केदारनाथ में मची थी भीषण तबाही, 10 साल के बाद ऐसे निखरी केदारपुरी

आज ही के दिन केदारनाथ में आई थी तबाही, 10 साल बाद फिर से निखरी केदारपुरी..पढ़िए पूरी खबर

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Image: Kedarnath 16th June 2013 Story (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: आज ही के दिन 10 साल पहले केदारनाथ में कुछ ऐसा हुआ था जिसके जख्म आज भी गहरे और ताजे हैं। आज ही के दिन, यानी 16 जून को केदारनाथ जल प्रलय में क़ई लोग मौत के मुंह मे समा गए थे।

Kedarnath 16th June 2013 Story

वो दिन याद करके आज भी मन अशांत हो जाता है। मगर उस आपदा ने सरकार की आँखें खोल दीं और उससे सबक लेकर धाम को व्यवस्थित व सुरक्षित करने के प्रयास रंग लाए हैं। बीते वर्षों में केदारनाथ पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट बना। बीते वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ के तहत यहां तमाम पुनर्निर्माण कार्य हुए हैं और उसकी बदौलत केदारपुरी दिव्य और भव्य स्वरूप में निखरी है। केदारनाथ में बीते क़ई वर्षों से लगातार रिकॉर्डतोड़ लोग आ रहे हैं और उनको रहने खाने-पीने से लेकर यात्रा में कोई भी असुविधा नहीं हो रही है। केदारनाथ के मास्टर प्लान में सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए पुनर्निर्माण कार्यों पर जोर दिया गया। वर्ष 2013 में उफान पर आई मंदाकिनी व सरस्वती नदियों का रुख मंदिर की तरफ हो गया था, जो तबाही का कारण बना।

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ऐसे में पुनर्निर्माण कार्यों में सबसे पहले मंदिर के ठीक पीछे के इस हिस्से में थ्री-लेयर की 390 मीटर लंबी, 18 फीट ऊंची व दो फीट चौड़ी सुरक्षा दीवार बनाई गई। इसी के साथ ही मंदाकिनी व सरस्वती नदी पर यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर कार्य कराए गए। इसके अलावा मंदिर के आंगन को खुला-खुला बनाया गया। वहीं आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि स्थली भी आपदा में ध्वस्त हो गई थी। इसे भी इसी स्थान पर नए भव्य स्वरूप में बनाया गया है। इसके साथ ही केदारनाथ में तीन ध्यान गुफाएं भी पॉपुलर हो गई हैं। यह गुफाएं तब चर्चा में आईं, जब वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने एक गुफा में साधना की थी। सड़क मार्ग पर यात्रियों के लिए केंद्र के सहयोग से चार स्थलों का निर्माण भी प्रस्तावित है। इसके अलावा धाम में यात्री सुविधाओं के विकास समेत अन्य कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके अलावा धाम में चिकित्सालय भवन, अतिथि गृह का निर्माण भी हो चुका है।