पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ में हाल ही में जबरदस्त सड़क हादसा हो गया जिसमें दो गांवों के दस लोगों की दर्दनाक मृत्यु हो गई। मगर ऐसा पहली बार नहीं हुआ है।
Pithoragarh hokra accident repeated after 10 years
ठीक 10 वर्ष पूर्व भी होकरा मंदिर में पूजा के लिए जाते समय भीषण वाहन दुर्घटना हुई थी। तब वाहन दुर्घटना में कुल 18 लोगों की मौत हुई थी। बता दें कि समकोट के ग्रामीण अपने गांव से वाहन से 16 किमी दूर गिनीबैंड पहुंचे। जहां से फिर थल -मुनस्यारी मार्ग से होकरा को जा रहे थे।गिनी बैंड से मुश्किल से चार से पांच किमी दूर गिरगांव के निकट पहुंचे तो वाहन इस खतरनाक खाई में गिर गया था और वाहन में सवार 18 ग्रामीणों की मौत हो गई थी। दोनों वाहन दुर्घटनाएं सुबह के ही समय हुई और मंदिर पहुंचने से पहले हुई हैं। तब की वाहन दुर्घटना गांव के निकट हुई थी। और बीते गुरुवार की दुर्घटना मंदिर के निकट हुई है। गुरुवार को वाहन दुर्घटना मंदिर से सात-आठ सौ मीटर पूर्व हुई। जानकारी के अनुसार ग्रामीण चार वाहनों से आ रहे थे। दुर्घटनाग्रस्त वाहन सबसे आगे था। पहला वाहन खाई में गिर गया और पीछे से आ रहे वाहन जब होकरा पहुंचे तो वहां पर वाहन और उसमें सवार लोग नजर नहीं आए। वाहन और सवार नजर नहीं आने पर वाहन का पता लगाने के बाद वाहन दुर्घटना का पता चला मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी।
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ऐसी दुर्घटना के पीछे की वजह ओवरलोडिंग भी बताई जा रही है। बागेश्वर के शामा से लेकर पिथौरागढ़ के होकरा के मध्य कोई भी पुलिस चौकी नहीं है। वाहन में सवार यात्रियों की संख्या पर नजर रखने वाला कोई नहीं है। क्षमता से अधिक सवारियों को ले जाना भी इस वाहन दुर्घटना का एक कारण माना जा रहा है। जिस स्थान पर वाहन खाई में गया वहां पर वाहन में अधिक सवारियां होने से वाहन को संभालना भी संभव नहीं था।वहीं बदहाल होकरा मार्ग के सुधारीकरण के लिए लंबे समय से मांग चली आ रही थी। इस मांग परमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पांच करोड़ की धनराशि स्वीकृत की थी। भाजपा नेता भगत बाछमी ने बताया कि स्वीकृत धनराशि की पहली किस्त 96 लाख की धनराशि अवमुक्त भी हो चुकी है। इस धनराशि से सड़क का सुधारीकरण, सड़क किनारे सुरक्षात्मक कार्य, दीवार निर्माण और डामरीकरण होना है।