उत्तराखंड उधमसिंह नगर5000 suspects living in uttarakhand by hiding identity

उत्तराखंड में पहचान छुपाकर रह रहे थे 5000 संदिग्ध, पुलिस वैरिफिकेशन अभियान में हुआ खुलासा

प्रदेशभर में बाहरी लोगों के वैरिफिकेशन का अभियान चल रहा है। इसके तहत बीते कुछ महीनों में पुलिस ने 5 हजार संदिग्धों को हिरासत में लिया।

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Image: 5000 suspects living in uttarakhand by hiding identity (Source: Social Media)

उधमसिंह नगर: उत्तराखंड में डेमोग्राफिक चेंज ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। दूसरे राज्यों के हजारों लोग यहां पर बिना सत्यापन के रह रहे हैं।

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उत्तराखंड में ऐसी कई अपराधिक घटनाएं भी हुई हैं, जिनमें बाहरी लोग संलिप्त पाए गए, क्योंकि इनका सत्यापन नहीं हुआ था, इसलिए इन तक पहुंचना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। देर से ही सही धामी सरकार ने इस दिशा में गंभीर होकर कड़े फैसले लेना शुरू कर दिया है। प्रदेशभर में बाहरी लोगों के वैरिफिकेशन का अभियान चल रहा है। इसके तहत बीते कुछ महीनों में पुलिस ने 5 हजार संदिग्धों को हिरासत में लिया, बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। साल की शुरुआत से प्रदेश में सत्यापन अभियान चल रहा है। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार सत्यापन अभियान के दौरान 1 जनवरी 2023 से 21 जून 2023 तक 4914 लोगों को हिरासत में लिया गया। आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा 2834 लोगों को ऊधमसिंहनगर से हिरासत में लिया गया। इसके बाद देहरादून से 1376 और हरिद्वार से 622 लोगों को पकड़ा गया। हिरासत में लिए गए लोगों में ज्यादातर किराएदार, फेरीवाले और मजदूर शामिल हैं। आगे पढ़िए

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आंकड़ों के अनुसार अभियान के तहत 1.81 लाख लोगों की जांच की गई, इस दौरान पुलिस ने 95 लाख से ज्यादा का जुर्माना भी वसूला। 1.81 लाख में से 65174 लोग मजदूर वर्ग से थे, जबकि 36654 फेरीवाले वाले थे। 57186 किराएदार थे और 22953 अन्य संदिग्ध लोग थे। अभियान के तहत पुलिस क्षेत्र में जाकर लोगों से पूछती है कि क्या हाल में वहां किसी ने रहना शुरू किया है। बिना किसी पहचान सत्यापन के राज्य में रहने वालों पर उत्तराखंड पुलिस अधिनियम की धारा 81 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। अतिरिक्त महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था वी मुरुगेशन ने कहा कि एक जनवरी 2023 से शुरू हुए सत्यापन अभियान में हमने 4914 लोगों को हिरासत में लिया। अभियान आगे भी जारी रहेगा। बता दें कि पिछले साल 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने राज्य में रहने वाले अन्य राज्यों से संबंधित लोगों की पहचान की जांच करने के लिए राज्यव्यापी सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश जारी किए थे।