उत्तराखंड चम्पावतChampawat National Highway 09 will remain closed at night

उत्तराखंड में रात के वक्त बंद रहेगा नेशनल हाईवे-09, डीएम ने जारी किए आदेश

डीएम की ओर से जारी आदेश के अनुसार नेशनल हाईवे-09 पर शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक वाहनों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी।

Champawat highway closed : Champawat National Highway 09 will remain closed at night
Image: Champawat National Highway 09 will remain closed at night (Source: Social Media)

चम्पावत: उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते जगह-जगह सड़कें बंद हैं। भूस्खलन के चलते रास्तों पर आवाजाही मुश्किल बनी हुई है।

National Highway 09 will remain closed at night

इस बीच चंपावत में राष्ट्रीय राजमार्ग-09 को रात के वक्त लोगों की आवाजाही के लिए बंद रखने का फैसला लिया गया है। मानसून काल में लगातार हो रही बारिश की वजह से यह मार्ग रात के वक्त लोगों की आवाजाही के लिए बंद रहेगा। मानसून काल को ध्यान में रखते हुए चंपावत में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। जिसमें अध्यक्ष आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने सड़क सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में सुरक्षा की दृष्टि से राष्ट्रीय राजमार्ग-09 को रात के वक्त पूरी तरह बंद रखने का फैसला किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता अक्षम्य होगी। साथ ही आदेशों की अवहेलना को गंभीरता से लिया जाएगा। इस संबंध में डीएम की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं।

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Champawat Highway Closed at Night

आदेश के अनुसार घाट से चंपावत की ओर, चंपावत से घाट की ओर, कोतवाली चंपावत से टनकपुर की ओर व ककराली गेट से चंपावत की ओर वाहन संचालन शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। प्रतिबंधित समय पर सड़क दुर्घटना या वाहन संचालन के लिए संबंधित कोतवाली प्रभारी पूरी तरह जिम्मेदार होंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक लागू रहेंगे। यहां आपको प्रदेश में बंद सड़कों का हाल भी बताते हैं। प्रदेश में 11 राजमार्ग समेत कुल 126 सड़कें बंद हैं। इससे चारधाम यात्रा भी प्रभावित हुई है। इस मानसून सीजन में अभी तक 883 सड़कें बंद हुईं हैं, इनमें से 757 सड़कों को खोल दिया गया है। लोनिवि ने सड़कें खोलने के लिए जेसीबी समेत कुल 119 मशीनें तैनात की हुई हैं। सड़कों को खोलने के काम में अभी तक 1259.48 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जबकि सड़कों को पहले जैसी स्थिति में लाने के लिए 1374.68 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।