उत्तराखंड ऋषिकेशRishikesh Ram Jhula bridge unfit report

खतरे में ऋषिकेश का विश्व प्रसिद्ध राम झूला, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

Rishikesh Ram Jhula bridge 4 साल पहले लोनिवि ने रामझूला की मरम्मत की जरूरत बताई थी, लेकिन शासन ने बजट की फाइल ठंडे बस्ते में सरका दी।

Ram Jhula bridge unfit: Rishikesh Ram Jhula bridge unfit report
Image: Rishikesh Ram Jhula bridge unfit report (Source: Social Media)

ऋषिकेश: राम झूला और लक्ष्मण झूला तीर्थनगरी ऋषिकेश की शान रहे हैं। 12 जुलाई 2019 को यहां लक्ष्मणझूला को लोगों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया।

Rishikesh Ram Jhula bridge unfit

यह पुल साल 1929 में बना था और जर्जर हो चुका था। लक्ष्मणझूला के बाद अब राम झूला के अस्तित्व पर भी संकट मंडरा रहा है। रामझूला पुल प्रदेश के 36 असुरक्षित पुलों में शुमार है। 4 साल पहले लोनिवि ने इसकी मरम्मत की जरूरत बताई थी, लेकिन शासन ने बजट की फाइल ठंडे बस्ते में सरका दी। बीते दिनों जब कोटद्वार में मालन नदी पर बना पुल टूटा, तब कहीं जाकर सरकार को रामझूला व अन्य जर्जर पुलों की याद आई। अब इसकी मरम्मत के लिए शासन को बजट का प्रस्ताव भेजा गया है। रामझूला पुल वर्ष 1986 में बनकर तैयार हुआ था, जो कि टिहरी और पौड़ी में आवाजाही के लिहाज से महत्वपूर्ण है।

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सालों पहले जब लक्ष्मणझूला पुल को बंद किया गया, तब लोनिवि ने शासन से 23 लाख रुपये मांगे थे, ताकि रामझूला पुल की मरम्मत कराई जा सके, लेकिन बजट नहीं मिला। पुल की सस्पैंडर वायर कई बार टूट चुकी है। 230 मीटर लंबे सिंगल लेन रामझूला पुल पर 440 सस्पैंडर वायर हैं। लोनिवि अधिकारियों ने कहा कि टिहरी में पांच पुल असुरक्षित पाए गए हैं, इनमें रामझूला भी शामिल है। सभी पुलों की मरम्मत के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। बता दें कि 200 किग्रा प्रति स्क्वायर मीटर भार क्षमता वाला यह पुल इन दिनों दोगुना दबाव झेलने को मजबूर है। कांवड़ यात्रा, पर्यटन काल व अन्य आयोजनों के दौरान रामझूला पुल पर भारी दबाव रहता है। इसकी मरम्मत नहीं की गई तो यहां बड़ा हादसा हो सकता है। राज्य सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।