देहरादून: समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर राजनीति गरमा उठी है।
Swami Prasad Maurya Statement on Badrinath
एक तरफ स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बयान पर कायम रहकर सोशल मीडिया पर लिखा है कि- आखिर मिर्ची लगी न, अब आस्था याद आ रही है। क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है? इसलिए तो हमने कहा था किसी की आस्था पर चोट न पहुँचे इसलिए 15 अगस्त 1947 के दिन जिस भी धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे यथास्थिति मानकर किसी भी विवाद से बचा जा सकता है। अन्यथा ऐतिहासिक सच स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ बौद्ध मठ था उसके बाद यह बद्रीनाथ धाम हिन्दू तीर्थ स्थल बनाया गया, यही सच है। इसके बाद उत्तराखंड के सीएम धामी ने भी मौर्य पर कटाक्ष किया है। आगे देखिए वीडियो
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उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा है कि विश्व के करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के केंद्र बिंदु एवं चार धामों में से एक भू बैकुण्ठ श्री बदरीनाथ धाम के अस्तित्व पर सपा नेता द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी की मैं घोर निन्दा करता हूं। समाजवादी पार्टी के सर्वोच्च नेता की पत्नी डिंपल यादव जो उत्तराखण्ड की बेटी हैं, मैं चाहूंगा कि वे ऐसी विघटनकारी सोच रखने वाले अपनी पार्टी के नेता को अवश्य जवाब दें