उत्तराखंड चमोलीkarnaprayag uma devi temple sinking

देवभूमि के 900 साल पुराने मंदिर का अस्तित्व खत्म हो सकता है, यहां भी जोशीमठ जैसा हाल

शिल्प और स्थापत्य कला के लिए मशहूर उमा देवी मंदिर का अस्तित्व संकट में है। ये मंदिर 900 साल पुराना है।

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Image: karnaprayag uma devi temple sinking (Source: Social Media)

चमोली: चमोली में स्थित धार्मिक स्थलों का अस्तित्व खतरे में है। पहले जोशीमठ से भूधंसाव की खबर आई, फिर गोपीनाथ मंदिर में दरारें दिखने लगीं।

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अब एक ऐसी ही खबर कर्णप्रयाग से आई है। जहां उमा देवी मंदिर के आंगन में लगातार भू-धंसाव हो रहा है। यह मंदिर 900 साल पुराना है। शिल्प और स्थापत्य कला के लिए मशहूर उमा देवी मंदिर ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे के किनारे स्थित है। बदरीनाथ यात्रा पर जाने वाले भक्त भी यहां देवी के दर्शनों को पहुंचते हैं। अगर भू-धंसाव रोकने के उपाय नहीं किए तो 900 साल पुराना यह मंदिर इतिहास के पन्नों में सिमट सकता है। उमा देवी का यह मंदिर नागर शैली में बना है। आगे पढ़िए

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मंदिर के शीर्ष पर कलश और गोल कमलाकार पत्थर हैं। मंदिर के अंदर भगवती उमा की भव्य मूर्ति है, जो सबको आकर्षित करती है। हर 12 साल में मां उमा शंकरी की ध्याण यात्रा होती है। इस दौरान उमा देवी तीर्थों सहित प्रयागों का भ्रमण कर विभिन्न गांवों में रहने वाली अपनी ध्याणियों को आशीर्वाद देती हैं। पिछले दस दिनों से मंदिर परिसर में लगातार भू-धंसाव हो रहा है। प्रांगण में कई बड़े गड्ढे बन गए हैं। मंदिर के आगे का बिजली का पोल और फुलवारी भी पूरी तरह से धंस चुकी है। मंदिर समिति के अध्यक्ष रविंद्र पुजारी ने कहा कि भूधंसाव का दायरा लगातार बढ़ रहा है। मंदिर को बचाने के लिए जल्द ही सुरक्षा के उपाय किए जाने चाहिए। वहीं नगर पालिका अधिकारियों का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है। जल्द ही मंदिर प्रांगण का निरीक्षण किया जाएगा।