उत्तराखंड हरिद्वारSolani bridge effect Haridwar to Roorkee distance increased by 13 KM

हरिद्वार से रुड़की 13 किमी दूरी बढ़ी, उत्तराखंड रोडवेज की बसों में सफर हुआ महंगा

हरिद्वार और रुड़की को जोड़ने वाला सोलानी पुल भारी वाहनों की आवाजाही के लिए हुआ बंद, रुड़की हरिद्वार के बीच बढ़ी 13 किलोमीटर की दूरी

Haridwar Roorkee 13 KM: Solani bridge effect Haridwar to Roorkee distance increased by 13 KM
Image: Solani bridge effect Haridwar to Roorkee distance increased by 13 KM (Source: Social Media)

हरिद्वार: रुड़की और हरिद्वार के बीच ट्रकों और बसों की आवाजाही का एक मुख्य विकल्प बंद हो गया है।

Haridwar to Roorkee distance increased

जी हां, हम बात कर रहे हैं रुड़की और हरिद्वार के बीच सोलानी पुल की जिसके जरिए बड़े बड़े वाहन रुड़की और हरिद्वार के बीच में यात्रा किया करते थे। सोलानी पुल को बसों और ट्रकों के लिए बंद कर दिया गया है और इस पुल को भारी वाहनों के गुजरने के लिए लिहाज से खतरनाक करार दिया गया है। रविवार को पुल के दोनों छोरों पर बैरिकेडिंग कर पुलिस ने तैनाती कर दी, इससे हरिद्वार से रुड़की जाने वाली बसों और ट्रकों को 13 किलोमीटर घूम कर जाना पड़ेगा। अब इस पुल पर केवल कार और दुपहिया वाहन ही अलाउड हैं। सोलानी पुल के जरिए पहले बड़े वाहनों को आवाजाही करने में काफी सहूलियत होती थी मगर अब उनको 13 किलोमीटर का अधिक सफर तय करना पड़ेगा।

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बता दें कि यह पुल काफी पुराना है और यह रुड़की हरिद्वार स्टेट हाईवे को जोड़ता है। पिछले साल इसका निरीक्षण हुआ था और इस पुल की भार क्षमता को परखा गया और रिपोर्ट आने पर पुल को असुरक्षित करार कर दिया गया। बता दें कि पुल में कुछ जगहों पर दरारें आई हैं जिस वजह से यह है भारी वाहनों के लिए सेफ़ नहीं है। ऐसे में यहां से भारी वाहनों की आवाजाही को बंद करा दिया गया है। बसों और ट्रकों को रुड़की बाईपास से मंगलौर भेजा गया। ऐसे में रुड़की हरिद्वार की दूरी 13 किलोमीटर बढ़ गई है। पहले यह दूरी 25 किलोमीटर थी और अब 38 किलोमीटर हो गई है। अब ऐसा माना जा रही है कि जल्द ही बसों का किराया भी बढ़ सकता है। परिवहन निगम के एआरएम सुरेश चौहान ने बताया कि हरिद्वार से करीबन रोजाना 737 बसों का संचालन होता है और 450 बस से हरियाणा, सहारनपुर, दिल्ली, पंजाब, मेरठ, मुजफ्फर आदि क्षेत्रों में संचालित होती है और यह सभी बसें रुड़की से होते हुए गुजरती हैं। पहले इनका संचालन सोलानी पुल के जरिए ही होता था। अब सोलानी पुल के प्रभावित होने के कारण इन बसों को अतिरिक्त चक्कर काटने पड़ रहे हैं।